सरलता और सहजता से ही प्राप्त होते दिव्य गुण
शहर के बड़े जैन मंदिर में चल रहा चातुर्मास कार्यक्रम विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का हुआ आयोजन

जासं, एटा: शहर के पुरानी बस्ती स्थित बड़े जैन मंदिर में चल रहे चातुर्मास में सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। सुबह हुए प्रवचन में गणाचार्य विराग सागर ने बताया कि सरलता और सहजता से ही दिव्य गुणों की प्राप्ति होती है।
उन्होंने बताया कि जब युद्ध के बाद रावण धराशायी होकर अपनी मृत्यु की ओर अग्रसित था, तब राम ने लक्ष्मण को उसके पास सीखने के लिए भेजा। ऐसे में विजेता भाव से पहुंचे लक्ष्मण ने रावण के सिराहने खड़े होकर ज्ञान मांगा, तो रावण ने अपनी आंखें भी नहीं खोली। लक्ष्मण लौट आए तब मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने कहा कि जब भी कुछ सीखना होता है तो अहम का परित्याग करके उसके चरणों में बैठकर सीखा जाता है। ऐसे में लक्ष्मण ने जब सरलता और सहजता को अपनाते हुए जब रावण के पैरों की ओर खड़े होकर ज्ञान देने की याचना की, तब रावण ने लक्ष्मण को विभिन्न प्रकार के ज्ञान प्रदान किए। उन्होंने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति जब जीवन में सरलता और सहजता को धारण करता है तो उसमें दिव्य गुण विकसित होने लगते है। अध्यक्ष सुरेश चंद्र जैन, महामंत्री आनंद जैन, सोना जैन, संजय जैन, डा. शैलेंद्र जैन, अनीता जैन, सीमा जैन, विश्वलता जैन, बौबी जैन, दीपक जैन, सुधीर कुमार जैन, प्रदीप कुमार जैन, पूते जैन, कुनाल जैन, आरती जैन, मौनी जैन, दीपिका जैन, सिद्धी जैन समेत काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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