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    तंबाकू के गाेदाम में तीन महीने तक रखी रही नशे के सिरप की डोज, ड्रग विभाग और पुलिस को भनक तक नहीं लगी

    By Pravesh Dixit Edited By: Prateek Gupta
    Updated: Mon, 22 Dec 2025 11:30 PM (IST)

    एटा के अलीगंज में प्रतिबंधित कोडीनयुक्त कफ सीरप का खुलासा हुआ है। नकटई कलां गांव में तीन महीने तक कफ सीरप की खेप रखी रही, जिसकी भनक स्थानीय पुलिस और ड ...और पढ़ें

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    सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    जागरण संवाददाता, एटा। प्रतिबंधित कोडीनयुक्त कफ सीरप को लेकर पूरे देश में हल्ला है। ऐसे में अलीगंज के गांव नकटई कलां में तीन माह तक कफ सीरप की खेप रखी रही ओर स्थानीय पुलिस तथा ड्रग विभाग को भनक तक नहीं लगी। स्थानीय पुलिस का फेलियर साफ दिखाई दे रहा है। मामले का पर्दाफाश भी किया गया तो वो भी आधी अधूरी जानकारी के साथ।

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    इस पूरे खेल का मास्टर माइंड थाना जसरथपुर क्षेत्र के गांव नगला परशुराम का रहने वाला पप्पू है। जो लोग पकड़े गए हैं उनका इस्तेमाल वह पैडलर्स के रूप में करता था।

    दीपावली से पूर्व पप्पू ने ही कफ सीरप की पेटियां प्रमोद को दी थीं। प्रमोद का संपर्क संग्रह अमीन जितेंद्र यादव से था। अमीन जितेंद्र यादव ने प्रमोद को नकटई कलां के रिटायर्ड फौजी पंजाब सिंह से मिलवाया और उसके गोदाम पर सीरप रखवा दिया। चारों ने मिलकर तय किया कि कफ सीरप बेचकर जो भी कमाई होगी वह चार हिस्सों में बांटी जाएगी।

    चौथा हिस्सा नगला परशुराम के पप्पू को दिया जाएगा। इस तरह से चार लोगों की यह चौकड़ी बन गई। इस मामले में एक और जितेंद्र सिंह निवासी असदपुर थाना राजा का रामपुर भी पकड़ा गया है। उसका रोल सिर्फ इतना बताया जा रहा है कि प्रमोद, जितेंद्र यादव और रिटायर्ड फौजी पंजाब सिंह ने उसे कफ सीरप की खेप पहुंचाने के लिए वाहन चालक के रूप में बातचीत के लिए बुलाया था।

    पुलिस के समक्ष आरोपितों ने कबूला है कि उनकी कई स्थानों पर बातचीत चल रही थी और खेप भेजी जानी थी। चालक को कुछ रुपये दिए जाने थे, तब तक भंडाफोड़ हो गया।

     

    पुलिस ने रात को घेरा नगला परशुराम

    पुलिस और नारकोटिक्स विभाग की टीम ने पप्पू की गिरफ्तारी के लिए रविवार रात को ही जाल बिछा दिया। रात में कई थानों का फोर्स गांव पहुंच गया और बाहर निकलने के रास्ते घेर लिए। इस दौरान पप्पू के घर पर दविश दी गई, लेकिन परिवार के लोगों ने बताया कि वह कई दिन से घर नहीं आया। अक्सर बनारस में ही रहता है, घर पर आना कभी-कभी होता है।

    उसका मोबाइल नंबर पुलिस को मिला, मगर वह बंद है। अब पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। उसके पकड़े जाने पर ही कई राज खुल सकते हैं। पप्पू पर पुलिस का शिकंजा और कसता जा रहा है। पुलिस यह मान रही है कि इस खेल में वह काफी समय से लिप्त है। उसके द्वारा पश्चिम बंगाल के अलावा अन्य प्रांतों में भी खेपें भेजी गईं हैं। इसकी भी पड़ताल की जा रही है।