अलीगंज विधानसभा सीट : अलीगंज में सधी हुई रणनीति से खिला कमल
जासं, एटा: अलीगंज विधानसभा सीट पर भाजपा की जीत के पीछे पार्टी की क्षेत्रीय समीकरणों के हिसाब से सधी

जासं, एटा: अलीगंज विधानसभा सीट पर भाजपा की जीत के पीछे पार्टी की क्षेत्रीय समीकरणों के हिसाब से सधी हुई रणनीति रही। यहां एक नहीं चार फैक्टर ने काम किया, जिससे भाजपा को कामयाबी मिली। पिछली बार से जीत का अंतर कम है, लेकिन इस सीट पर भाजपा का वोट बैंक बढ़ा है। वहीं सपा वोट बढ़ने के बाद भी पीछे रह गई।
अलीगंज सीट पर भाजपा के सत्यपाल सिंह राठौर चुनाव जीते हैं और सपा के रामेश्वर सिंह यादव को दूसरी बार उनसे पराजय का सामना करना पड़ा है। भाजपा के लिए सबसे ज्यादा मुफीद जो फैक्टर रहा वह दो जगह लिस्ट में दर्ज 20 हजार वोट का कटना है। यानि कि यह वोट ऐसे थे जिनका इस्तेमाल अगर इस चुनाव में हो जाता तो चुनाव परिणाम की तस्वीर पलट सकती थी, लेकिन भाजपा ने यहां बहुत ही सोची-समझी रणनीति से काम लिया। मामले की शिकायत मुख्यमंत्री तक हुई थी, तब डबल वोटों की जांच कराई गई। दोहराव वाले वोट कटे व मतदाता सूचियों में संशोधन कराया। दूसरा फैक्टर यह भी है कि भाजपा प्रत्याशी सत्यपाल सिंह राठौर से कुछ लोग नाराज थे, लेकिन चुनाव के अंतिम क्षणों में इन लोगों को मना लिया। पूर्व मंत्री अवधपाल सिंह यादव भी मतदान से 10 दिन पहले सत्यपाल सिंह राठौर के पक्ष में पूरी तरह सक्रिय हो गए। उन्होंने भी अपना वोट सत्यपाल को दिलवाया। उधर, बसपा से इस बार मुस्लिम प्रत्याशी जुनैद मियां ने चुनाव लड़ा, जिससे नुकसान सपा को हुआ और लाभ भाजपा को पहुंचा। इस चुनाव में भाजपा को 1,02,576 वोट मिले हैं, जबकि सपा के रामेश्वर सिंह यादव को 98,465 वोट मिले। पिछले चुनाव में भाजपा को 88,695 तथा सपा को 74,844 वोट मिले थे। आंकड़े बता रहे हैं कि दोनों प्रत्याशी का वोट फीसद बढ़ा है। बसपा के परंपरागत वोट में यहां भी बंटवारा देखने को मिला।
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