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    कौन हैं देवरिया की पिंकी, जिसका स्मृति ईरानी ने लिया इंटरव्यू; प्रधानमंत्री मोदी भी कर चुके हैं तारीफ

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Thu, 23 Nov 2023 03:14 PM (IST)

    कालाजार पर जीत दर्ज करने में सफलता पाने वाली और अब इस गंभीर बीमारी के प्रति लोगों को जागरुक करने में जुटी बनकटा क्षेत्र के नियरवा गांव की रहने वाली पिंकी चौहान का केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने साक्षात्कार लिया। वह सीफार के आमंत्रण पर दिल्ली पहुंची थीं। पिंकी के साक्षात्कार का प्रसारण अगले सप्ताह बुधवार को आकाशवाणी केंद्र नई दिल्ली से होगा।

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    कालाजार के प्रति जागरुक करने वाली पिंकी का इंटरव्यू लेतीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी। सौ. स्वयं

    जागरण संवाददाता, बनकटा (देवरिया)। बनकटा के नियरवा गांव की रहने वाली कालाजार से पीड़ित रहीं पिंकी चौहान लोगों को पाठशाला के जरिए कालाजार को लेकर जागरूक कर रही हैं। मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इंटरव्यू लिया। आकाशवाणी केंद्र नई दिल्ली की ओर से इसका प्रसारण अगले बुधवार को होगा। वह सीफार संस्था (सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च ) के बुलावा पर नई दिल्ली गई थीं। कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट के जरिये पिंकी के कार्यों को सराहना की थी।

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    केंद्रीय मंत्री ने पिंकी से कालाजार से जुड़े कई सवाल पूछे थे। उन्होंने पिंकी चौहान से पूछा कि जब कालाजार से पीड़ित थीं तो उन्हें किस तरह समाज की उपेक्षा का दंश झेलना पड़ा था। पिंकीने अपनी व्यथा विस्तार से सुनाई। पिंकी ने बताया कि जब वह 11 वर्ष की थीं, तो आंत वाले कालाजार व चमड़ी वाले कालाजार से पीड़ित हुईं। स्वजन ने उनके इलाज के लिए लाखों रुपये खर्च किए। पिंकी चौहान बताती हैं कि जुलाई 2015 में पेट में सूजन व हल्का दर्द शुरू हुआ। पेट सख्त होने पर स्वजन को जानकारी दी। सिवान के निजी चिकित्सक के इलाज चला।

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    बाद में बनकटा पीएचसी पर जांच में कालाजार की पुष्टि हुई। उस दौरान देवरिया में कालाजार के उपचार का इंतजाम नहीं था। जिस वजह से उनका कुशीनगर जिला अस्पताल में उपचार कराया गया। इलाज के बाद वह स्वस्थ हो गईं। करीब छह महीने बाद हाथ में लाल व सफेद चकत्ते निकल आए। पूरे शरीर पर दाने होने लगे। बनकटा पीएचसी पर जांच में पीकेडीएल (चमडी वाला कालाजार) की पुष्टि हुई।

    24 दिन की दवा व बाद में दो माह तक इलाज के बाद पूरी तरह स्वस्थ हैं। इसके बाद पिंकी स्वास्थ्य विभाग, पाथ संस्था व सीफार के सहयोग से बनाए गए कलस्टर फोरम के सदस्य तौर पर काम कर रही हैं। वह कालाजार के प्रति अबतक पांच हजार बच्चों व लोगों को जागरूक कर चुकी हैं। कालाजार के लक्षण दिखने पर सरकारी अस्पताल में जांच व इलाज की सलाह दे रही हैं।