Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हेरोइन के साथ दो गिरफ्तार, सरगना फरार

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 18 Mar 2020 11:33 PM (IST)

    रामपुर कारखाना के पटनवा पुल के समीप से पुलिस को मिली सफलता -गोरखपुर के पिपराइच भेजी जानी थी हेरोइन ...और पढ़ें

    Hero Image
    हेरोइन के साथ दो गिरफ्तार, सरगना फरार

    देवरिया: जिले की एसओजी व रामपुर कारखाना पुलिस को बुधवार की सुबह बड़ी सफलता हाथ लगी। थाईलैंड से मंगाई गई 244.66 ग्राम हेरोइन के साथ दो युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरोह का सरगना मौके से फरार हो गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पुलिस लाइन सभागार में पत्रकारों से वार्ता करते हुए एसपी डा.श्रीपति मिश्र ने बताया कि एसओजी टीम व रामपुर कारखाना थानाध्यक्ष को मुखबिर ने सूचना दिया कि कुछ लोग पटनवा पुल पर बाइक के साथ खड़े हैं, जिनके पास हेरोइन है। मौके पर पुलिस टीम पहुंच गई। पुलिस को देखते ही युवक बाइक लेकर भागने लगे। पुलिस ने दौड़ाकर दो को पकड़ लिया। एक फरार हो गया। बाइक की डिग्गी की तलाश की गई तो उसमें से हेरोइन बरामद हुई। पकड़े गए युवकों ने अपना नाम यशराज श्रीवास्तव निवासी वार्ड-15 कसया, कुशीनगर, सूरज सिंह निवासी हेमधापुर थाना पिपराइच गोरखपुर बताया। यशराज ने बताया कि वह अपने मोहल्ले के प्रभाकर के साथ हेरोइन लेकर आया था। जिसे पिपराइच निवासी सूरज सिंह को साढ़े दस लाख रुपये में देनी थी। सूरज यह हेरोइन गोरखपुर के पिपराइच लेकर जाने वाला था। गिरोह का सरगना प्रभाकर है। इसमें एक ट्रक ड्राइवर लालबाबू भी शामिल हैं। हेरोइन पर मेड इन थाइलैंड लिखा हुआ है। कोरियर के रूप में काम करता है सूरज देवरिया: रामपुर कारखाना थाना क्षेत्र में हेरोइन पकड़े जाने के बाद पुलिस भी परेशान है, पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह रैकेट बड़े पैमाने पर काम कर सकता है। सरगना के हाथ आने के बाद पूरी कहानी व रैकेट का पर्दाफाश हो सकेगा। माना जा रहा है कि इसमें अहम भूमिका ट्रक चालक द्वारा निभाई जा रही है। सूरज का कहना है कि उसे कोरियर के रूप में प्रयोग किया गया, उसे एक ट्रिप का दस हजार रुपये देना था। सूरज ने बताया कि सरगना प्रभाकर तथा वह एक ही साथ गोरखपुर स्थित एक अस्पताल में काम करते थे, वहीं से दोनों की मुलाकात हुई और लालबाबू भी संपर्क में आ गया। अस्पताल का काम यह दोनों तीन साल पहले छोड़ दिए। जबकि यशराज का कहना है कि वह सरगना के साथ इंटर तक पढ़ा और फिर यशराज रेलवे व अन्य विभागों में नौकरी के लिए तैयारी करने लगा। इस समय भी वह तैयारी कर रहा था, लेकिन सफलता हाथ नहीं लग सकी। ::::