भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने युवाओं से किया संवाद, बोले-विकसित व आत्मनिर्भर भारत के लिए देखें बड़े सपने
देवरिया में अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने युवाओं से संवाद करते हुए विकसित भारत के लिए बड़े सपने देखने का आह्वान किया। उन्होंने भारतीय संस्कृति और वैज्ञानिक सोच को पुनर्जागृत करने की आवश्यकता बताई। शुक्ला ने कहा कि भारत जल्द ही अपने राकेट से अंतरिक्ष में मानव भेजेगा। उन्होंने जागृति उद्यम केंद्र के प्रयासों की सराहना की और छात्रों को प्रेरित किया। प्रधानमंत्री मोदी से हिंदी में बातचीत को उन्होंने अविस्मरणीय पल बताया।

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और सांसद शशांक मणि त्रिपाठी। जागरण
सुधांशु त्रिपाठी, देवरिया। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने कहा है कि विकसित और आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए हम सभी बड़े सपने देखें। हमारा हर एक कदम सशक्त व समृद्ध भारत के निर्माण की दिशा में बढ़ना चहिए। भारतीय संस्कृति व परंपराएं वैज्ञानिक सोच पर आधारित थीं। उन्हें नए सिरे से पुनर्जागृत करने की जरूरत है। केंद्र सरकार ने 2047 विकसित व आत्मनिर्भर भारत बनाने का जो संकल्प लिया है। हम सभी नागरिकों को इसका सहभागी बनना होगा। वह दिन दूर नहीं जब हम अपनी धरती से, अपने राकेट से, अपने कैप्सूल में किसी भारतीय को अंतरिक्ष में भेज सकेंगे। ऐसा करने वाला भारत विश्व का चौथा देश बन जाएगा।
भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान का नया चेहरा बन चुके अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने उक्त बातें बुधवार की शाम बरपार गांव के जागृति उद्यम केंद्र के सभागार में जनपद के स्कूल के युवाओं से संवाद करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि हमारा देश व प्रदेश ही नहीं, हमारे गांव और समाज भी तेजी से बदल रहे हैं। गोरखपुर एयरपोर्ट इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। कुछ साल जब पहले मैं एयरपोर्ट पर उतरा था तो उसकी स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। जबकि आज वहां उतरने पर विकसित और बदलते गोरखपुर का सुखद अहसास हुआ। गोरखपुर एयरपोर्ट से इस सभागार तक की यात्रा में कई दृश्य नजर दिखे। फोर लेन से टू लेन और टू-लेन से सिंगल रोड पर आती गाड़ी में बदलाव की जो भी जानकारियां दी गईं। वह मुझे इस जागृति उद्यम केंद्र में आकर अचंभित करतीं हैं। इनका प्रयास सराहनीय है।
शुभांशु शुक्ला ने आगे कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान और इनस्पेस मॉडल रॉकेट्री व कैनसेट इंडिया स्टूडेंट प्रतियोगिता ने यहां के छात्र-छात्राओं को अंतरिक्ष के प्रति जिज्ञासा पैदा की है। सैकड़ों छात्र-छात्राएं के इस प्रतियोगिता के माध्यम से 21 राकेट लांच कर चुके हैं। यह सुनकर कितना अच्छा लगता है कि हमारी भावी पीढ़ी मिशन चंद्रयान और मिशन मार्स के लिए किस तरह प्रतिबद्धता के साथ तैयारी कर रही है। अंतरिक्ष के प्रति यह जागरुकता अभियान निरंतर चलाना होगा।

अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को देवरहा बाबा का चित्र भेंट करते सांसद शशांक मणि त्रिपाठी (दाएं), सांसद की धर्मपत्नी गौरी मणि त्रिपाठी (बाएं)। जागरण
उन्होंने कहा कि भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा की कहानियां सुनकर बड़े हुए। आप कोई भी लक्ष्य निर्धारित करें, उसके प्रति अनुशासित और समर्पित भाव से जुट जाना होगा। कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राओं ने उनसे प्रश्न पूछे तो उन्होंने उनके समुचित जवाब देकर उनकी जिज्ञासा को शांत किया। उन्होंने छात्रों से कहा कि अपना उत्साह बनाए रखें। इस दौरान कार्यक्रम के आयोजक सांसद शशांक मणि त्रिपाठी, राज्यसभा सदस्य व पूर्व मंत्री आरपीएन सिंह समेत कई जनप्रतिनिधि और पुलिस प्रशासन के लोग मौजूद रहे।
पीएम मोदी से हिंदी में बातचीत बना अविस्मरणीय क्षण
अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने कहा कि भारत को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर प्रतिनिधित्व करना उनके लिए गर्व का क्षण था। उन्होंने बताया कि वे वहां भारतीय तिरंगा लेकर गए थे और जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उन्होंने हिंदी में बातचीत की, तो वह पल उनके जीवन का सबसे रोमांचक और अविस्मरणीय क्षण बन गया। इसको मैं कभी भी भूल नहीं सकता हूं।

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