चिकित्सा अनुभाग के सचिव ने सीएमओ से मांगा स्पष्टीकरण
पंद्रह दिन के अंदर सीएमओ को देना है जवाब शिकायतों की जांच में माना है सीएमओ को दोषी

जागरण संवाददाता, देवरिया: डीएम की शिकायत पर सीएमओ डा. आलोक पांडेय के खिलाफ चल रही जांच के क्रम में चिकित्सा अनुभाग के सचिव रविन्द्र ने सीएमओ से जांच के बाद स्पष्टीकरण मांगा है। पन्द्रह दिन के अंदर स्पष्टीकरण नहीं देने पर शिकायत के संदर्भ में की गई जांच को सही मान लेने की बात कही है।
सीएमओ के खिलाफ की गई शिकायत की जांच के बाद चिकित्सा अनुभाग के सचिव ने डीएम, सीएमओ व अन्य अधिकारियों को भेजे पत्र में कहा है कि पांच फरवरी को डीएम की शिकायत पर मिशन निदेशक के निर्देश पर की गई जांच में पाया गया है कि 104 नवीन स्वास्थ्य केंद्रों उप केंन्द्रों पर विभिन्न सामग्री का क्रय मुख्य चिकित्साधिकारी ने एनआइसी के माध्यम से न कराकर स्वयं अपने विभागीय स्तर पर जेम पोर्टल के माध्यम से कराया गया है। जिसका लागिग एवं पासवर्ड उन्हीं के विभाग के अधिकारी, कर्मचारी के पास होने के कारण मात्र दो फर्मो का चयन किया गया। शिकायत के बाद लागिग पासवर्ड को खोलकर पुन: पांच अन्य फर्मो को अर्ह घोषित किया गया। यह कार्य अगर एनआइसी के माध्यम से होता तो इसमें अनियमितता होने की संभावना नहीं रहती। टेंडर की इस प्रक्रिया के लिए सीएमओ दोषी है। खरीदारी के दौरान नमूना अधोमानक पाए जाने के बाद भी सामान की आपूर्ति करने के लिए वर्क आर्डर जारी किया गया। वर्क आर्डर को जारी करने और निरस्त करने की प्रक्रिया में दूरभाष पर प्राप्त शिकायत के बाद ही वर्क आर्डर को निरस्त किया गया। इसके अलावा कई बिदुओं पर जांच कर सीएमओ को सचिव ने दोषी मानते हुए स्पष्टीकरण मांगा है।
सीएमओ डा. आलोक पांडेय ने कहा कि 104 उपकेंद्रों के लिए कोई खरीदारी नहीं की गई है। किसी सरकारी धन का दुरुपयोग नहीं किया गया है। समय भीतर पत्र का जवाब दिया जाएगा।
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