वैदिक सिद्धांत लोगों तक पहुंचाना भी हमारा मकसद : आचार्य रामचंद्र दास
मेरा सौभाग्य है कि गुरु जी ने मुझे इस योग्य समझा।
देवरिया : तुलसी पीठ चित्रकूट के पीठाधीश्वर व जगदगुरु स्वामी रामभद्राचार्य के उत्तराधिकारी आचार्य रामचंद्र दास ने कहा कि गुरुदेव ने अध्यात्मिक क्षेत्र में युवा पर विश्वास किया। वह भक्ति व वैराग्य के संगम हैं।
आचार्य श्री दास शनिवार को जिगिना मिश्र गांव में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। कहा कि तुलसी पीठ का उत्तराधिकारी बनाया जाना महत्वपूर्ण है। पूर्व में भी रामानंदाचार्य, रामानुजाचार्य ने भी परंपराओं का नेतृत्व किया था। कहा कि वैदिक सिद्धांत को लोगों तक पहुंचाना भी हमारा मकसद है। गुरुदेव के आशीर्वाद से स्थापित दिव्यांग विश्वविद्यालय में रोजगारपरक शिक्षा को और व्यापक करने के साथ विद्यार्थियों का कैंपस सलेक्शन हो। इसके लिए प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जब मैं अपनी मां के गर्भ में था उसी समय मेरी मां गुरु जी की कथा सुन रही थी। उसके बाद मेरी शिक्षा हुई। मैं दिल्ली के रामलीला मैदान में 2010 में गुरु जी की कथा सुन रहा था। उसी वक्त से मुझे गुरु जी का सानिध्य मिला और मैं सेवा में जुट गया।