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    ‘एक पेड़ मां के नाम’ को समर्पित: देवरिया से शुरू हुआ 1 लाख औषधीय पौधों का अभियान

    Updated: Tue, 15 Jul 2025 12:39 PM (IST)

    दयाल ने बताया कि नीम आंवला और सहजन (मोरिंगा) जैसे औषधीय पौधों का चयन जनस्वास्थ्य और आयुर्वेदिक चिकित्सा के लाभों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। यह सिर्फ पर्यावरण सुधार का प्रयास नहीं बल्कि *मातृत्व और जीवन के प्रति एक संवेदनशील श्रद्धांजलि* भी है। दयाल ने यह भी घोषणा की कि आने वाले महीनों में फाउंडेशन द्वारा निःशुल्क चिकित्सा शिविरों* की शुरुआत फिर से की जाएगी।

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    एक पेड़ मां के नाम’ कोलोगों तक पहुंचाने के लिए राजेश सिंह दयाल फाउंडेशन ने वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावनात्मक और पर्यावरणीय मुहिम एक पेड़ मां के नाम’ को जन-जन तक पहुंचाने के लिए राजेश सिंह दयाल फाउंडेशन ने उत्तर प्रदेश में एक वृहद वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान की पहली कलम देवरिया के मइल गांव से चली है, जिसका लक्ष्य बलिया और देवरिया की पांच विधानसभा क्षेत्रों में एक लाख औषधीय पौधों का रोपण है। अभियान की अगुवाई कर रहे हैं राजेश सिंह दयाल, जिन्हें 'यूपी का मेडिसिन मैन' के नाम से जाना जाता है। उनका स्पष्ट संदेश है, हम सिर्फ पौधे नहीं लगाएंगे, उन्हें गोद लेंगे, पालेंगे और बचाएंगे भी।

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    नीम, आंवला, सहजन स्वास्थ्य और प्रकृति की साझी सौगात

    दयाल ने बताया कि नीम, आंवला और सहजन (मोरिंगा) जैसे औषधीय पौधों का चयन जनस्वास्थ्य और आयुर्वेदिक चिकित्सा के लाभों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। यह सिर्फ पर्यावरण सुधार का प्रयास नहीं, बल्कि *मातृत्व और जीवन के प्रति एक संवेदनशील श्रद्धांजलि* भी है।

    तीन दशकों से सेवा में समर्पित

    भारतीय जनता पार्टी से 30 वर्षों से जुड़े रहे राजेश सिंह दयाल का कहना है, “प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई हर जनकल्याणकारी योजना को जमीनी स्तर पर सफल बनाना मेरा *नैतिक कर्तव्य* है।” उन्होंने बताया कि अब तक वे देवरिया और बलिया जिलों में *2 लाख से अधिक लोगों को निःशुल्क चिकित्सा और औषधियां उपलब्ध करा चुके हैं। वृक्षारोपण इस सेवा यात्रा का **प्राकृतिक विस्तार* है।

    राजनीति नहीं, सेवा ही उद्देश्य

    क्या यह पहल चुनावी रणनीति है? इस पर दयाल ने साफ कहा, “मेरा मकसद समाज सेवा है, राजनीति नहीं। न मैं टिकट मांग रहा हूं, न चुनाव की मंशा रखता हूं। यह अभियान प्रकृति, मातृत्व और स्वास्थ्य को समर्पित है।”

    नि:शुल्क चिकित्सा शिविर फिर होंगे शुरू

    दयाल ने यह भी घोषणा की कि आने वाले महीनों में फाउंडेशन द्वारा निःशुल्क चिकित्सा शिविरों* की शुरुआत फिर से की जाएगी। इस बार ये शिविर उनके स्वयं के अस्पतालकी निगरानी में होंगे। उन्होंने बताया कि पहले जो अस्पताल फाउंडेशन से संबद्ध था, वहां गरीबों से शुल्क वसूलने की शिकायतों के बाद सहयोग समाप्त कर दिया गया है।

    यह अभियान दर्शाता है कि जब सेवा और संवेदना का मेल होता है, तो उसका प्रभाव सिर्फ ज़मीन पर नहीं, दिलों में भी दिखाई देता है। राजेश सिंह दयाल का यह प्रयास न केवल पर्यावरण की रक्षा करेगा, बल्कि स्वास्थ्य और मातृत्व के प्रति जागरूकता की एक नई मिसाल भी बनेगा।