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    भूत प्रेत के चक्कर में दे दी मासूम की बलि, फूफा ही निकला हत्यारा; झकझोर देगा यूपा का ये मामला

    Updated: Sat, 02 Aug 2025 10:54 PM (IST)

    देवरिया में एक दिल दहला देने वाली घटना में एक सिपाही ने अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर नौ साल के बच्चे की भूत-प्रेत के चक्कर में बलि दे दी। पुलिस ने मुख्य आरोपी सिपाही इंद्रजीत समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला कि बच्चे का अपहरण कर उसकी हत्या की गई और शव को नदी में फेंक दिया गया।

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    सिपाही फूफा ने नौ वर्षीय आरुष की दी थी बलि, चार गिरफ्तार

    जागरण संवाददाता, देवरिया। भूत प्रेत के चक्कर में नौ वर्षीय आरुष पुत्र योगेश की बलि दी गई थी। इस घटना में आरुष के सिपाही फूफा इंद्रजीत और उसके तीन अन्य रिश्तेदार शामिल थे। भलुअनी थानाक्षेत्र के पटखौनी गांव से 17 अप्रैल को मासूम का अपहरण किया गया था।

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    गला काटने में मदनपुर के डुमरी गांव का रहने वाला मामा जयप्रकाश व परसिया मिसकारी का रहने वाला मौसेरा भाई भीम ने फूफा का सहयोग किया था। इस मामले में मुख्य आरोपित सिपाही इंद्रजीत गोंड व उसके मामा जयप्रकाश गोंड़, मौसेरे भाई भीम गोंड व साढ़ू रमाशंकर उर्फ शंकर गाेंड को पुलिस ने गिरफ्तार किया।

    आरोपित रमाशंकर गोरखपुर जिले के गगहा थानाक्षेत्र के गौरपार गांव का रहने वाला है। वारदात का मुख्य आरोपित इन्द्रजीत गोंडा पुलिस लाइन में बतौर सिपाही तैनात है। एसपी ने पुलिस टीम को दस हजार रुपये इनाम दिया।

    पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने घटना का पर्दाफाश करते हुए पुलिय लाइंस में बताया कि भूत प्रेत के चक्कर में नौ वर्षीय आरुष की बलि दी गई थी। बताया कि सुरौली थानाक्षेत्र के पैकौली गांव के इंद्रजीत की शादी दिसंबर 2024 में पटखौली, भलुअनी की शंभा पुत्री परशुराम गोंड के साथ हुई थी।

    शादी के कुछ दिन बाद वह ससुराल गया तो उसके ऊपर कथित तौर पर देवी मां के सवार होने की बात बताई गई और वह बीमार हो गया। इस बात को लेकर उसके ससुराल वाले परेशान हो गए। झाड़-फूंक के लिए इंद्रजीत को उसके मामा जयप्रकाश के पास ले गए, जहां उसने नरबलि दिया जाना समाधान बताया।

    आरोपित सिपाही इंद्रजीत ने अपने साढ़ू रमाशंकर से 50 हजार रुपये में नरबलि के लिए छोटे बच्चे की व्यवस्था करने के लिए कहा। रमाशंकर 16 अप्रैल को अपने बड़े साले योगेश कुमार के बड़े पुत्र आरुष को बहला-फुसलाकर अपने घर लेकर चला गया व 19 अप्रैल को आरोपित इंद्रजीत के मौसेरे भाई भीम के हवाले कर दिया।

    इंद्रजीत ने मामा जयप्रकाश व मौसेरे भाई भीम के साथ मिलकर थाना कोतवाली क्षेत्र के पिपरा चंद्रभान के बगीचे में रात्रि में कथित तौर पर पूजा-पाठ कर चाकू से गला रेतकर उसकी हत्या कर दी। शव को वहीं पर गाड़ दिया।

    बाद में शव को निकालकर भीम के साथ मिलकर 20 अप्रैल को बोरे में रखकर पिकअप में लादकर बरहज के गौराघाट के सामने सरयू नदी में फेंक दिया। आरोपितों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त चाकू, पिकअप, बाइक, फावड़ा व 8890 रुपये बरामद किया।