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    Deoria News: बरहज विधायक के आरोपों की जांच शुरू, घंटों खंगाला अभिलेख

    Updated: Wed, 09 Jul 2025 11:33 AM (IST)

    देवरिया में सेवानिवृत्त शिक्षिका को वेतन देने के मामले में बरहज विधायक के आरोपों की जांच शुरू हो गई है। जिलाधिकारी ने सीडीओ के नेतृत्व में कमेटी गठित की जिसने सदर बीआरसी कार्यालय के अभिलेखों की छानबीन की। आरोप-प्रत्यारोप के बीच जांच टीम ने अभिलेखों को खंगाला और डीएम ने तीन बिंदुओं पर आख्या मांगी है।

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    सदर बीआरसी कार्यालय में अभिलेखों को खंगालते बाबू, साथ में बीएसए शालिनी श्रीवास्तव (सबसे दाएं), वित्त एवं लेखाधिकारी (बाएं)। जागरण

    जागरण संवाददाता, देवरिया। दिशा की बैठक में बीएसए शालिनी श्रीवास्तव व बरहज विधायक दीपक मिश्र शाका के बीच आरोप-प्रत्यारोप का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सेवानिवृत्त शिक्षिका को आठ माह तक वेतन दिए जाने के मामले में बीएसए पर लगाए गए बरहज विधायक के आरोपों की जांच शुरू हो गई है।

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    सीडीओ के नेतृत्व में गठित कमेटी ने मंगलवार को सदर बीआरसी कार्यालय के अलमीरा का ताला तोड़कर अभिलेखों को घंटों खंगाला। मामला सुर्खियों में होने के कारण डीएम दिव्या मित्तल के निर्देश पर गहराई से हो रही जांच से खलबली मची है।

    सदर बीआरसी कार्यालय में मंगलवार को जांच के दौरान गहमागहमी का माहौल रहा। बीएसए व वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालयों के बाबुओं की टीम एएसडीएम अवधेश निगम, वरिष्ठ कोषाधिकारी अतुल पांडेय, बीएसए शालिनी श्रीवास्तव, वित्त एवं लेखाधिकारी मदनमोहन की मौजूदगी में सेवानिवृत्त शिक्षिका शशिबाला वर्मा समेत अन्य शिक्षकों के अभिलेखों को घंटों खंगालती रही।

    सहायक लेखाकार के अलमीरा का ताला तोड़कर प्रत्येेक अभिलेखों को सूचीबद्ध किया गया। डीएम ने सीडीओ प्रत्यूष पांडेय, वरिष्ठ कोषाधिकारी अतुल पांडेय, डीआइओएस शिव नारायण सिंह, एएसडीएम अवधेश निगम की कमेटी गठित कर तीन बिंदुओं पर आख्या मांगी है।

    उन्होंने पूछा है कि क्या शिक्षिका शशिबाला वर्मा ने सेवानिवृत्ति के बाद आठ माह तक वेतन प्राप्त किया गया है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है। बीआरसी देवरिया सदर में किसी अन्य शिक्षक व शिक्षिका को सेवानिवृत्त के बाद तो कोई भुगतान नहीं किया गया है, कोई अन्य अनियमितता यदि प्रकाश में आए तो आख्या उपलब्ध कराएं।

    सहायक लेखाकारों ने नहीं दिए चार्ज

    सदर बीआरसी के सहायक लेखाकार बृजेश मणि और बैतालपुर स्थानांतरित दिवाकर मिश्र ने ढाई महीने बाद भी एक-दूसरे को चार्ज हैंडओवर नहीं किया। उनका कहना है कि इस संबंध में बीएसए की ओर से कोई आदेश नहीं मिला था।

    दिशा की बैठक में लगाए गए थे आरोप-प्रत्यारोप

    दिशा की बैठक में तीन जुलाई को विधायक दीपक मिश्र शाका ने महिला के वेतन संबंधी प्रकरण को प्रमुखता से उठाया था। बीएसए शालिनी श्रीवास्तव ने इसे निराधार बताते हुए विधायक पर सदर बीआरसी में तैनात सहायक लेखाकार दिवाकर मिश्र के तबादले को रद करने के लिए दबाव बनाने का आरोप मढ़ा। इसके बाद बखेड़ा खड़ा हो गया।

    इंटरनेट मीडिया पर बीएसए व विधायक बरहज के बीच आरोप-प्रत्यारोप का वीडियो प्रसारित हो रहा है। दैनिक जागरण ने इस प्रकरण को सात जुलाई के अंक में पेज दो पर लेखाकार का तबादला रद करने का दबाव बना रहे विधायक: बीएसए शीर्षक से खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया, जिसमें विधायक की ओर से बीएसए पर लगाए गए गंभीर आरोपों को प्रकाशित किया था। सीडीओ प्रत्यूष पांडेय की ओर से विधायक के आरोपों को संज्ञान में लाने के बाद डीएम ने सात जुलाई को जांच कमेटी गठित की।

    तत्कालीन बीईओ ने संशोधन का दिया था प्रमाण पत्र 

    मानव संपदा पोर्टल पर सदर विकास खंड के 160 शिक्षकों के नाम के आगे पीला रंग अंकित था। इन शिक्षकों के विवरण में संशोधन करना था। बीएसए ने 17 अगस्त 2022 को मानव संपदा पर मिलान कर संशोधन करने का प्रमाण पत्र मांगा था। तत्कालीन बीईओ ने प्रमाण पत्र जारी किया था। इन शिक्षकों का विवरण मिलान कर लिया गया है।

    माननीय बरहज विधायक के आरोपों की जांच के लिए सीडीओ के नेतृत्व में कमेटी गठित की है। एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

    दिव्या मित्तल, डीएम देवरिया