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    देवरिया उपचुनाव में भाजपा ने तोड़ा मिथक लगाई हैट्रिक

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 10 Nov 2020 11:39 PM (IST)

    देवरिया में ढाई दशक में पहली बार भाजपा को तीसरी बार लगातार मिली सफलता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभा से पार्टी को मिली संजीवनी।

    देवरिया उपचुनाव में भाजपा ने तोड़ा मिथक लगाई हैट्रिक

    देवरिया:देवरिया सदर सीट पर करीब ढाई दशक के बीच सात बार विधानसभा चुनाव हुए लेकिन किसी भी दल को तीसरी बार यानी हैट्रिक लगाने का मौका नहीं मिला भले ही पार्टी और व्यक्ति एक ही रहे हों लेकिन मतदाताओं ने उम्मीदवारों को तीसरी बार विधानसभा में जाने से रोक दिया। इस बार के उपचुनाव में भाजपा जीत दर्ज कर ने यह मिथक तोड़ दिया है। इस बार भाजपा प्रत्याशी डा. सत्य प्रकाश मणि त्रिपाठी ने उप चुनाव में भले ही पहली बार जीत दर्ज किया लेकिन पार्टी के हैट्रिक लगाया।

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    इस बार के उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने मंत्रियों के अलावा उपमुख्यमंत्री तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी चुनावी समर में लोगों के बीच अपनी सरकार की उपलब्धियों को रखा।

    सियासी सफर पर नजर दौड़ाएं तो 1969 और 1974 में बीकेडी के प्रत्याशी लगातार जीते रहे लेकिन तीसरी बार किसी ने जीत दर्ज नहीं की. 1977 के बाद 1989 तक कोई लगातार दो बार नहीं जीता।

    1989 में जनता दल से राम छबीला मिश्र बीपी सिंह के मंडल कमीशन लहर में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी रहे दीनानाथ कुशवाहा को हराया था। उसके बाद 1991 में रविद्र प्रताप मल्ल ने भाजपा से जीत दर्ज किया। इसके बाद फिर 1993 में हुए चुनाव में रविद्र प्रताप मल्ल भाजपा के प्रत्याशी बनाए गए। मल्ल ने दोबारा जनता दल के प्रत्याशी सुभाष चंद्र श्रीवास्तव को हराया। इसके बाद 1996 के विस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने रविद्र प्रताप मल्ल पर भरोसा जताते हुए तीसरी बार प्रत्याशी बनाया गया लेकिन जनता दल के सुभाष चंद्र श्रीवास्तव ने इन्हें हैट्रिक लगाने का मौका नहीं दिया और सुभाष चंद्र श्रीवास्तव चुनाव जीत गए।

    वर्ष 2002 के चुनाव में दीनानाथ कुशवाहा नेशनल लोकतांत्रिक पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर चुनावी समर में आए, इन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रहे राम नगीना यादव को पराजित किया।

    2007 के चुनाव में दीनानाथ कुशवाहा नेलोपा से पाला बदलते हुए समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। सपा ने अपना प्रत्याशी बनाया । इस बार भी इन्हें विजय मिली। बसपा के उम्मीदवार रहे कमलेश शुक्ला को पराजित किया लेकिन तीसरी बार सपा को मौका नहीं मिला।

    वर्ष 2012 और 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के जन्मेजय सिंह प्रत्याशी बनाए गए इन्होंने लगातार भाजपा को विजय दिलाई।

    वर्ष 1991 से अब तक का हाल

    1991- रविद्र प्रताप मल्ल- भाजपा

    1993-रविद्र प्रताप मल्ल- भाजपा

    1996-सुबाष चंद्र श्रीवास्तव-जनता दल

    2002-दीनानाथ कुशवाहा-नेलोपा

    2007-- दीनानाथ कुशवाहा-सपा

    2012- जन्मेजय सिंह-भाजपा

    2017-जन्मेजय सिंह-भाजपा

    2020- डा.सत्य प्रकाश मणि त्रिपाठी- भाजपा उपचुनाव-2020

    कुल मतदाता-336565

    पड़े मतों की संख्या-170063

    मतदान फीसद-50.5 -----------------

    पिछले चुनाव का मतदान फीसद-56.53 फीसद

    कुल पड़े मतों की संख्या-183289

    पिछले चुनाव में कुल मतदाता-324208