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    Deoria News: फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे के लिए अनुदान की होगी वसूली, धन वापस न करने पर होगी कार्रवाई

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 01:42 PM (IST)

    भटनी में, एक व्यक्ति द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर एससी-एसटी का मुकदमा दर्ज कराकर सरकारी सहायता लेने के मामले में, समाज कल्याण अधिकारी ने कार्रवाई की है। जालसाजी करने वाले को नोटिस देकर 15 दिनों के भीतर सहायता राशि जमा करने का आदेश दिया गया है, अन्यथा राजस्व वसूली की जाएगी। यह मामला अनुसूचित जनजाति अत्याचार उत्पीड़न योजना से जुड़ा है, जिसमें पाया गया कि जाति प्रमाण पत्र निरस्त होने के बाद भी मुकदमा दर्ज कराया गया।

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    संवाद सूत्र, भटनी। फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर एससी-एसटी का मुकदमा दर्ज कराकर सरकारी सहायता लेने वाले जालसाज से धन वसूली की जाएगी। समाज कल्याण अधिकारी ने जालसाजी करने वाले व्यक्ति को नोटिस देकर 15 दिन के अंदर लिए गए सहायता राशि जमा करने को कहा है। समय से धन वापस न करने पर राजस्व वसूली की चेतावनी दी गई है।

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    थाना क्षेत्र के ग्राम रायबारी निवासी नेबूलाल पुत्र चन्द्रदेव ने इसी थाना क्षेत्र के ग्राम चोरिया निवासी प्रवीण कुमार राय द्वारा भटनी थाने अनुसूचित /जनजाति अत्याचार उत्पीड़न योजनान्तर्गत मुकदमा दर्ज कराए जाने के बाद नेबूलाल की जाति प्रमाण पत्र जांच कराई गई। जिसमें वह फर्जी मिला। इस पर समाज कल्याण अधिकारी ने इस योजना के तहत मिली धनराशि के वसूली का आदेश जारी किया है।

    जिला समाज कल्याण अधिकारी ने आदेश में लिखा है कि अनुसूचित जनजाति अत्याचार उत्पीड़न योजनान्तर्गत अपराध संख्या 9/24 ग्राम रायबारी थाना भटनी, देवरिया पुलिस कार्यालय से मिले प्रस्ताव के आधार पर आर्थिक सहायता की धनराशि उनके बड़ौदा यूपी बैंक के खाते में डेढ़ लाख रुपया पहली जनवरी 2025 को प्रेषित कर दिया गया।

    शिकायत के आधार पर जाति प्रमाण प्रमाण पत्र की जांच में पाया गया है कि 24 अक्टूबर 2025 को जारी शासनादेश में तुरैहा अनुसूचित जाति का जाति प्रमाण को 8 फरवरी 2021 को निरस्त किया जा चुका है। ऐसे में प्रमाण पत्र निरस्त होने के बाद अनुसूचित जाति जनजाति के तहत मुकदमा कराने का कोई औचित्य नहीं है।