जमीन पर सोए पूर्व IPS अमिताभ, करवटें बदल गुजारी रात; जिस जेल का किया निरीक्षण - उसी में बने बंदी
जमीन की खरीद बिक्री में जालसाजी के आरोप में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर देवरिया जेल में बंद हैं। उन्हें हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है। लखनऊ पुलिस न ...और पढ़ें

बुधवार को न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। जागरण
जागरण संवाददाता, देवरिया। औद्योगिक प्लॉट की खरीद बिक्री में जालसाजी करने के आरोप में जिला कारागार में निरुद्ध रिटायर्ड आईपीएस अमिताभ ठाकुर को जिला कारागार के हाई सिक्वोरिटी बैरक में रखा गया है। लखनऊ पुलिस ने उन्हें बुधवार को न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
पूरी रात उन्होंने करवटें बदलकर गुजारी। जमीन पर कंबल ओढ़े सोए और सुबह छह बजे उठे। इस दौरान वह अपने साथ ए फोर साइज का सादा कागज 50-60 पेज लेकर गए हैं। उस पर जब भी समय मिल रहा है लिखना शुरू कर दे रहे हैं। क्या लिख रहे हैं किसी को पता नहीं है। उनके लगातार सादा कागज पर लिखना देख जेल के अधिकारी दहशत में है।
उन्हें सामान्य रूप से बंदियों को ओढ़ने के लिए जेल में मिलने वाला सामान्य कंबल मिला है। जिसके सहारे उनकी रात कटी। उन्होंने पूरी रात करवटें बदलकर गुजारी। भोजन में उन्हें चावल, दाल, रोटी व पालक की साग खाने को मिली। वह एक रोटी व थोड़ा सा सावल ही खाए। सुबह उठे और नित्यक्रिया के बाद फिर से ए फोर साइज सादा कागज पर वह लगातार लेखन कार्य करते रहे। एक पुलिस अधिकारी होने के चलते उन्हें कारागार की खामियों के बारे में ठीक से पता है। जिले में एसपी रहते उन्होंने कई बार जेल का अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया। इसलिए जेल के बारे में और जेल की कमियों के बारे में उन्हें ठीक से जानकारी है। उनके
लगातार लेखन से कारागार के अधिकारियों की बेचैनी इसलिए बढ़ गई है कि वह कहीं जेल की कमियों को विस्तार से लिख कर शासन में शिकायत न कर दें। पुलिस पर वह लगातार दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाते रहे हैं। गुरुवार को कारागार में वह काफी निराश दिखे।
जिस जेल का किया निरीक्षण, उसी में बंदी बन गुजार रहे समय
देवरिया: कहा गया है पुरुष बली नहि होत ह। समय होत बलवान...पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर पर ये पंक्तियां सटीक बैठती हैं। जिले में वह वर्ष 1998 से 2000 तक बतौर एसपी तैनात रहे। उन दिनों वह कई बार जेल का निरीक्षण किए। यहां की सुरक्षा व्यवस्था जांची। आज वहीं जेल है जिसमें बंदी बन रातें गुजार रहे हैं। जिले में व पुलिस महकमे में इसकी पुरजोर चर्चा है।

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