Smart Meter: उपभोक्ताओं की परेशानी का सबब बना बिजली विभाग का स्मार्ट मीटर, सामने आ रही ये दिक्कतें
स्मार्ट मीटर लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। प्रीपेड सिस्टम में पैसा कटने, ज्यादा बिल आने और तकनीकी खराबियों की शिकायतें आम हैं। लोगों को उम्मी ...और पढ़ें

संवाद सूत्र, बरहज। स्मार्ट मीटर लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। प्रीपेड सिस्टम में पैसा कटने, ज्यादा बिल आने और तकनीकी खराबियों की शिकायतें आम हैं। लोगों को उम्मीद से ज्यादा भुगतान करना पड़ रहा है। कई उपभोक्ताओं का कहना है कि पहले 5-10 हजार रुपये के बिल पर भी कनेक्शन नहीं कटता था, लेकिन अब पांच हजार से ज्यादा बिल हुआ तो मीटर से स्वत: कनेक्शन कट जाता है।
बिजली उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटर अब और ज्यादा परेशानी का सबक बन गया है। पहले पांच से दस हजार रुपये के बिल पर भी उनका कनेक्शन नहीं कटता था, लेकिन अब पांच हजार से ज्यादा बिल हुआ नहीं कि मीटर से स्वत: ही कनेक्शन कट दिया जाता है और उपभोक्ता परेशान रहते हैं कि आखिर उनके घर में बिजली क्यों नहीं आ रही।
शायद उनके मीटर में कुछ खराबी आ गई है। वह इधर-उधर दौड़ते हैं, इलेक्ट्रीशियन को दिखाते हैं। तब पता चलता है कि उनका बिल जमा नहीं हुआ है। ऐसी स्थिति में उपभोक्ता बहुत परेशान है। कई उपभोक्ताओं के नंबर पर मैसेज भी नहीं आ रहे हैं। ऐसे तमाम उपभोक्ता और रोजाना विद्युत केंद्रों पर शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं।
बृजनंदन निषाद, जितेंद्र, गणेश, रिंकू उपाध्याय ने बताया कि पहले हम लोगों को जो विद्युत अधिकार जमा करना पड़ता था स्मार्ट मीटर लग जाने से उसके चार गुना जमा करना पड़ रहा है। कुछ उपभोक्ताओं का आरोप है कि मीटर के नाम पर कंपनी के तरफ से स्कैन स्कीम चलाई जा रही है। जो घर में दौड़ रहे वायरों का भी लोड मीटर के स्क्रीन पर दिखा देता है जिससे घरों का विद्युत बिल ज्यादा आता है।
पूछे जाने पर अधिशासी अभियंता अरविंद सिंह गौतम ने बताया कि जीनस कंपनी के तरफ से 10 वर्षों के लिए मीटर लगाने एवं देखे कह के लिए एनओसी दी गई है। जिसका देखरेख मीटर विभाग कर रहा है, विभाग के एई से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संवाद नहीं हो सका।

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