कालाजार के संवेदनशील आठ ब्लाक चिह्नित, निरोधात्मक कार्य शुरू
अभियान की सफलता के लिए संबंधित क्षेत्र की आशा एवं एएनएम को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

कालाजार के संवेदनशील आठ ब्लाक चिह्नित, निरोधात्मक कार्य शुरू
देवरिया: जिले के कालाजार प्रभावित गांवों के उन्मूलन के लिए विभाग ने कमर कस लिया है। कालाजार के मामले में जिले के आठ ब्लाकों को चिह्नित कर उन गांवों में निरोधात्मक कार्य शुरू करा दिया गया है। माना जा रहा है कि इन ब्लाक क्षेत्रों से ही प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में कालाजार के रोगी निकल रहे हैं।
वर्ष 2019 में जिले के आठ ब्लाकों बनकटा, पथरदेवा, भटनी, भाटपाररानी, बैतालपुर, देसही देवरिया, भलुअनी और लार के 49 कालाजार प्रभावित गांवों को चिह्नित किया गया है। छिड़काव से कालाजार के रोगियों की संख्या घटी है लेकिन वह संतोषजनक नहीं है। ऐसे में चयनित ब्लाक गांवों में एक-एक घर में छिड़काव शुरू किया गया है, जिससे कहीं भी बालू मक्खी के बैठने या छिपने के लिए जगह न मिले।
अभियान की सफलता के लिए सौंपी गई जिम्मेदारी
अभियान की सफलता के लिए संबंधित क्षेत्र की आशा एवं एएनएम को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस संबंध में सभी को प्रशिक्षण भी दे दिया गया है। कालाजार रोग बालू मक्खी के काटने से होता है। बालू मक्खी को जड़ से समाप्त करने के लिए ही दवा का छिड़काव किया जा रहा है। बालू मक्खी जमीन से छह फीट की ऊंचाई तक उड़ सकती है, इसलिए छिड़काव घर के अंदर छह फीट तक कराना है। जिससे बालू मक्खी मर जाए।
छिड़काव के साथ-साथ जागरूकता पर बल
बनकटा ब्लाक क्षेत्र समेत अन्य ब्लाक के गांवों में कालाजार के लक्षण, बचाव व बालू मक्खी के बारे में लोगों को जागरूक करना है। इसके लिए आशा, एनएम, डब्लूएचओ व यूनीसेफ आदि स्वास्थ्यकर्मी भी गांवों में पहुंच कर लोगों को जागरूक करेंगे। इसका शुभारंभ हो चुका है। गांवों को लक्ष्य बनाकर कार्य करना है।
जिले के आठ संवेदनशील ब्लाकों को चिह्नित कर उन गांवों में लोगों को जागरूक करने के साथ ही बालू मक्खी को मारने के लिए आइआरएस छिड़काव शुरू करा दिया गया है। वर्ष 2019 के उन ब्लाकों को चयनित किया गया है। जहां कालाजार के सर्वाधिक रोगी मिले हैं।
डा. सुरेन्द्र सिंह, प्रभारी सीएमओ।
कालाजार प्रभावित गांव
2019 ---- 49
2022 ----44
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