पीएम मोदी के सामने होंगी यूपी के इस जिले की डीएम, पूरे देश से चुने गए चार अधिकारियों में से एक हैं IAS दिव्या मित्तल
जिलाधिकारी दिव्या मित्तल को नीति आयोग के संयोजन में 13 से 15 दिसंबर तक नई दिल्ली में आयोजित चौथे राष्ट्रीय मुख्य सचिव सम्मेलन में भाग लेने के लिए चुना गया है। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी प्रतिभाग करेंगे। दिव्या मित्तल पीएम मोदी के समक्ष विकास और प्रशासनिक नवाचार से जुड़े अपने अनुभव साझा करेंगी। यह सम्मेलन देश के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है।

महेंद्र कुमार त्रिपाठी, देवरिया। नीति आयोग के संयोजन में 13 से 15 दिसंबर तक नई दिल्ली में आयोजित चौथे राष्ट्रीय मुख्य सचिव सम्मेलन में जिलाधिकारी दिव्या मित्तल को भाग लेने के लिए चुना गया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी प्रतिभाग करेंगे।
पीएम मोदी के समक्ष जिलाधिकारी विकास और प्रशासनिक नवाचार से जुड़े अपने अनुभव साझा करेंगी। इस राष्ट्रीय मंच के लिए पूरे देश से केवल चार अधिकारियों को चुना गया है। सम्मेलन में आर्थिक विकास, सतत विकास, डिजिटल परिवर्तन और सामाजिक कल्याण जैसे विषयों पर गहन चर्चा होगी।
नीति निर्माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण मंच
चौथा राष्ट्रीय मुख्य सचिव सम्मेलन देश के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों और नीति निर्माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। मित्तल अपने नवाचार के जरिए सकारात्मक कार्यों के लिए जानी जाती हैं। महिला सशक्तीकरण, शिक्षा सुधार, पेयजल सुविधा का विस्तार और स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने जैसे कई क्षेत्रों में उनके प्रयास उल्लेखनीय हैं।
इसके पूर्व में भी नीति आयोग में असिस्टेंट सेक्रेटरी के रूप में प्रधानमंत्री के समक्ष प्रजेंटेशन दे चुकी हैं। यह दूसरा मौका होगा। इसके अलावा मित्तल को राष्ट्रीय जल नवाचार शिखर सम्मेलन में जल शक्ति मंत्री द्वारा जल नवाचार पुरस्कार दिया गया।
राष्ट्रीय मुख्य सचिव सम्मेलन में उत्तर प्रदेश और देवरिया से प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला है। यह मेरे लिए अत्यंत गर्व और सम्मान की बात है। पीएम के साथ अनुभव साझा करने का पुन: मौका मिलना सौभाग्य है।
-दिव्या मित्तल, डीएम, देवरिया जिला
युवाओं के लिए हैं रोल मॉडल
आईआईटी दिल्ली और आईआईएम बेंगलुरु से अपनी शिक्षा पूरी कर भारतीय प्रशासनिक सेवा में कदम रखने वाली दिव्या मित्तल कई युवाओं के लिए रोल मॉडल हैं। 2007 में लंदन में एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी की। लगभग एक साल बाद वह भारत वापस आ गईं।
लंदन से वापस लौटने के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू की। 2011 में यूपीएससी परीक्षा में सफलता मिली। उन्हें गुजरात कैडर में आईपीएस का पद मिला। उसके बाद भी तैयारी जारी रखीं। ट्रेनिंग के दौरान 2013 में फिर यूपीएससी की परीक्षा दीं और आईएएस बनीं। छात्राएं अपने मार्गदर्शक के रूप में देखते हैं।
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