ढाई साल बाद डीएम अमित किशोर का तबादला
पुलवामा हलमे में जयदेव छपिया के विजय मौर्य के बलिदान होने के बाद गांव पहुंचे डीएम अमित किशोर अपने को रोक नहीं पाए और बलिदानी के स्वजन के साथ भावुक हो गए। यह ²श्य लोगों को काफी प्रभावित किया।

देवरिया: जिलाधिकारी अमित किशोर का तबादला हो गया। उनकी जगह पर बस्ती के डीएम आशुतोष निरंजन को देवरिया का डीएम बनाया गया है। दो साल छह माह 25 दिन तक डीएम अमित किशोर जिले में तैनात रहे। अब उन्हें दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम आगरा का प्रबंध निदेशक बनाया गया है। जिले में पिछले चार दशक में सर्वाधिक लंबी पारी खेलने वाले जिलाधिकारियों में उनका नाम शुमार हो गया। जनता में डीएम की छवि एक संवेदनशील अफसर की रही।
पुलवामा हलमे में जयदेव छपिया के विजय मौर्य के बलिदान होने के बाद गांव पहुंचे डीएम अमित किशोर अपने को रोक नहीं पाए और बलिदानी के स्वजन के साथ भावुक हो गए। यह ²श्य लोगों को काफी प्रभावित किया। इसके अलावा राघवनगर में डीएम बंगले के पीछे कीमती सरकारी भूमि पर कई दशक से अवैध कब्जा जमाए लोगों को हटाने के काम की लोगों में सकारात्मक चर्चा रही।
पांच अगस्त 2018 की रात को तत्कालीन एसपी रोहन पी कनय ने बाल गृह बालिका कांड का पर्दाफाश किया था। उनके पर्दाफाश के बाद प्रदेश में सियासी माहौल गरमा गया। सरकार ने आननफानन में तत्कालीन डीएम सुजीत कुमार को हटा दिया। उनकी जगह पर सात अगस्त 2018 को अमित किशोर की देवरिया डीएम के रूप में तैनाती की गई थी। जिले में पिछले चार दशक में सर्वाधिक कार्यकाल सुबोध नाथ झा का रहा। सुबोध नाथ झा 18 अप्रैल 1981 से 28 अप्रैल 1984 तक तैनात रहे थे। उस दौर के लोग उनके कार्यकाल को नहीं भूला पाए। उनके बाद हरमिदर राज सिंह का कार्यकाल भी करीब दो साल तक रहा। वह 28 मई 1984 से 27 मई 1986 तक तैनात रहे। डीएम मनोज कुमार का कार्यकाल 15 जुलाई 1991 से 13 जनवरी 1994 तक यानी दो साल पांच महीना 28 दिन तक तैनात रहे। एसपी गोयल का कार्यकाल भी दो वर्ष दो माह से अधिक रहा। वह सात जून 1996 से 12 अगस्त 1998 तक जिले में तैनात रहे।
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