देवरिया में वक्फ संपत्ति रजिस्टर से मजार और कब्रिस्तान को बाहर करने की तैयारी, अभिलेख में दर्ज हुआ बंजर
देवरिया में वक्फ संपत्ति रजिस्टर से मजार और कब्रिस्तान को हटाने की तैयारी है, क्योंकि एएसडीएम न्यायालय ने इनके इंद्राज को निरस्त कर दिया है। अब अभिलेख में इसे बंजर भूमि के रूप में दर्ज किया गया है। न्यायालय के आदेश की प्रति प्राप्त हो चुकी है और जल्द ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्याय के लिए अपील की जाएगी।

जागरण संवाददाता, देवरिया। राजस्व अभिलेखों में मजार व कब्रिस्तान की प्रविष्टि निरस्त किए जाने के बाद बंजर दर्ज कर लिया गया। इसके साथ ही उप्र सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के जिले के रजिस्टर में वक्फ संपत्ति के रूप में 19वें नंबर पर अंकित वक्फ मजार व कब्रिस्तान ग्राम मेहड़ा को विलोपित करने की तैयारी है। डीएम दिव्या मित्तल ने बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को पत्र लिखकर संशोधित करने का अनुरोध किया है।
गोरखपुर रोड स्थित रेलवे ओवरब्रिज के समीप बने मजार व कब्रिस्तान को उप्र सुन्नी सेंट्रल बोर्ड के रजिस्टर दफा 37 के क्रमांक 19 पर वर्ष 1993 में वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज किया गया था। राजस्व अभिलेखों में दर्ज वक्फ मजार व कब्रिस्तान के कूटरचित इंद्राज को एएसडीएम अवधेश निगम की कोर्ट ने तीन दिन पहले निरस्त कर दिया व उसके बाद बंजर दर्ज किया गया।
राजस्व अभिलेखों में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद डीएम ने वक्फ संपत्ति रजिस्टर से मजार व कब्रिस्तान को बाहर करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
मजार व कब्रिस्तान की देखरेख करती है प्रबंध समिति
वक्फ मजार अब्दुल गनी शाह बाबा और कब्रिस्तान की देखरेख भटनी दादन के रहने वाले मो. राशिद खां की अध्यक्षता वाली प्रबंध समिति कर रही हैं, जिसमें मो.जलालुद्दीन खां उपाध्यक्ष, सीसी रोड के आमिर वारसी सचिव, अहमद नगर के नसीम अंसारी उप सचिव, पथरहट के मैनुद्दीन अंसारी कोषाध्यक्ष हैं। मो.खालिद खां, महताब आलम, नबी उल्लाह खां, शाहिद खां, तारिक खां, फखरे आलम, कैमुल्लाह खां, गुफरान अंसारी सदस्य बने हैं। उप्र सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने इस प्रबंध समिति को स्वीकृति प्रदान की है।
मजार से जुड़ा वाद दीवानी न्यायालय के कक्ष संख्या 18 सिविल जज की कोर्ट में चल रहा है। इसी बीच एएसडीएम न्यायालय ने मजार व कब्रिस्तान के इंद्राज को निरस्त कर दिया है। एएसडीएम कोर्ट से आदेश की नकल प्राप्त हो गई है। जल्द ही न्याय के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में गुहार लगाई जाएगी।
जलालुद्दीन खां, उपाध्यक्ष, मजार व कब्रिस्तान की देखरेख करने वाली समिति।

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