देवरिया के इन सात मार्गों पर रोडवेज बस की सुविधा नहीं, लोगों को आने-जाने में होती है परेशान
देवरिया जिले में कई मार्गों पर रोडवेज बस सेवा उपलब्ध नहीं होने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। देवरिया से बनकटा तक बस चलाने की मांग के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जनता ऑटो में कष्ट सहने और रात में पैदल चलने को मजबूर है।

चालकों की कमी से बसों का नहीं शुरू हो रहा संचालन
जागरण संवाददाता, देवरिया। जिले के सात ऐसे मार्ग हैं जिन पर लोगों को रोडवेज बस की सुविधा उपलब्ध नहीं कर पा रहा है। जिससे लोग परेशान हैं। कई बार मांग के बावजूद अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। बसें नहीं चलने से राहगीर निजी साधनों के जरिए व पैदल लंबी दूरी तय कर गंतव्य तक जा रहे हैं।
जिले में अभी भी इन सातों मार्गों पर निजी मोटर मालिक परिवहन व्यवस्था को संभाल रहे हैं। ऐसा नहीं कि रोडवेज के पास बसों की कमी है। सच्चाई यह है कि रोडवेज के पास बसें पर्याप्त संख्या में हैं उन्हें चलाने वाले चालकाें का अभाव है।
चालकों के अभाव में प्रतिदिन दस से पंद्रह बसें खड़ी रहती हैं। इससे विभाग को राजस्व की क्षति भी हो रही है। मार्गों पर बसों के नहीं चलने से जनता व विभाग दोनों को नुकसान हो रहा है। सभी सातों मार्गों पर बसों का संचलन शुरू हो जाए तो विभाग की आय बढ़ जाएगी।
इन मार्गों पर नहीं चलती हैं बसें
जिन मार्गों पर रोडवेज की बसें नहीं चलती हैं उनके में देवरिया- भवानीछापर,मार्ग, देवरिया- बनकटा मार्ग, देवरिया- करायल शुक्ल मार्ग, देवरिया- महेन मार्ग, देवरिया- नूनखार भटनी मार्ग, देवरिया-पचलड़ी मार्ग, देवरिया-सतरांव मार्ग शामिल है। इन मार्गों पर पांच बस चलवाने के लिए कई बार लोग एआरएम को पत्रक दिए लेकिन इन मार्गों पर बस सेवा शुरू नहीं की जा सकी।
- अनुबंधित बसों की संख्या- 144
- परिवहन निगम की बसों की संख्या- 80
- रोडवेज की प्रतिदिन की आय- 23 से 25 लाख रुपये
- प्रतिदिन ढोए जाने वाले यात्रियों की संख्या- 35 से 40 हजार
जिन मार्गों पर रोडवेज की बसें नहीं चल रही हैं। उन मार्गों पर बसों को चलवाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। बसों की कमी नहीं है। चालकों का अभाव है। चालकों की मांग शासन में की गई है अगर चालक मिल जाते हैं तो सभी सातों मार्गों पर बसों का संचालन शुरू कराया जाएगा।
-कपिल देव प्रसाद, एआरएम
बनकटा क्षेत्र के लोगों को रोडवेज बस की सुविधा आज भी नहीं मिल रही है। लोगों को पैदल व आटो से बनकटा क्षेत्र में सलेमपुर, भाटपाररानी से आना जाना पड़ रहा है। रोडवेज की बस चलाई जाए। जन प्रतिनिधियों व अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए।
विनोद पांडेय, सोहनपुर
कई बार देवरिया से बनकटा तक रोडवेज बस चलाने की मांग की गई लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।जनता परेशान है। आटो में कष्ट सहते आना जाना पड़ता है। लोग रात में पैदल दस-दस किलोमीटर की दूरी तय कर घर पहुंचते हैं।
-बैजनाथ मिश्र, सुंदरपार बनकटा

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