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    रेलवे ओवरब्रिज के नीचे कैसे बन गई मजार? खंगाले जा रहे अभिलेख, डीएम-एसपी को जांच के निर्देश

    देवरिया में गोरखपुर रोड पर ओवरब्रिज के पास मजार का दायरा बढ़ने के मामले में जाँच शुरू हो गई है। सदर विधायक की शिकायत पर सीएम के निर्देशानुसार जिला प्रशासन राजस्व अभिलेखों की जाँच कर रहा है। विधायक ने मजार को सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा बताकर जाँच की मांग की थी। उन्होंने मजार की गतिविधियों को संदिग्ध बताते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।

    By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Mon, 25 Aug 2025 04:31 PM (IST)
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    रेलवे ओवरब्रिज के नीचे कैसे बन गई मजार? खंगाले जा रहे अभिलेख

    जागरण संवाददाता, देवरिया। गोरखपुर रोड स्थित ओवरब्रिज के बगल में मजार का दायरा बढ़ाने के मामले की जांच शुरू हो गई है। सीएम के निर्देश पर जिला प्रशासन राजस्व अभिलेखों को खंगाल रहा है। 

    फिलहाल यह जांच सीएम योगी आदित्यनाथ से सदर विधायक डाॅ. शलभ मणि त्रिपाठी की 25 जून को शिकायत के बाद प्रमुख सचिव संजय प्रसाद के निर्देश पर की जा रही है। प्रमुख सचिव ने डीएम व एसपी से जांच के बाद तत्काल अवैध अतिक्रमण हटाते हुए अवगत कराने की अपेक्षा की है।

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    विधायक ने जून में सीएम से मुलाकात की थी। उन्होंने पत्रक देकर कहा है कि नगर के गोरखपुर रोड पर ओवरब्रिज के सटे मजार बना है। जिसका दायरा साल दर साल बढ़ता चला गया। 

    बंजर जमीन, कुर्ना नाला व नेशनल हाइवे होने के बावजूद इस मजार का निर्माण किस प्रकार हुआ, यह सवाल बना हुआ है। रेलवे ओवरब्रिज के ठीक नीचे बनाई गई है। ऐसे में इनका नक्शा कैसे स्वीकृत हुआ, यह भी बड़ा सवाल है। 

    उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि 28 वर्ष पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक रामनगीना यादव ने इस मजार के वजूद को लेकर सवाल खड़े किए थे। दुर्भाग्यपूर्ण तरीके उनकी हत्या कर दी गई। 

    उनकी हत्या के समय भी यह आरोप लगे थे कि अवैध मजार का विरोध ही उनकी हत्या की असल वजह बनी। इसी डर से बाद में लोगों ने मजार के विरुद्ध कानूनी लड़ाई लड़नी बंद कर दी। 

    मौजूदा समय में मजार पर चल रही गतिविधियां संदिग्ध हैं। यहां बाहर से बड़ी संख्या में अब लोग जुटने लगे हैं। उन्होंने शासन स्तर पर लखनऊ से ही विशेष टीम बनाकर निश्चित समय सीमा में मजार के कब्जे में आने वाली भूमि व अभिलेखों की जांच कराने की मांग की। 

    कहा है कि यदि जांच में यह पाया जाता है कि यह मजार गैरकानूनी ढंग से सरकारी भूमि पर कब्जा कर बनाई गई है तो सरकारी भूमि को मुक्त कराने की तत्काल कार्रवाई कराई जाए। 

    उन्होंने इस विषय की भी जांच कराने की मांग की है कि रेलवे ओवरब्रिज के ठीक नीचे ये मजार कैसे बनी, क्या इसका मानचित्र स्वीकृत है, और अगर मानचित्र स्वीकृत नहीं है तो क्या कार्रवाई हुई। उन्होंने मजार की आड़ में हो रही गतिविधियों की गहन जांच कराने की मांग की है।

    तहसील प्रशासन प्रकरण की जांच कर रही है। कुछ जानकारी मुझसे मांगी गई थी। जिससे अवगत करा दिया गया है।

    -रामशंकर, एडीएम वित्त एवं राजस्व