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    UP News: देवरिया में बोले देवेंद्र प्रताप, अधिकारियों ने पार की लक्ष्मणरेखा, सदन में उठाऊंगा मुद्दा

    Updated: Sun, 13 Jul 2025 01:17 PM (IST)

    देवरिया में दिशा की बैठक में बरहज विधायक दीपक मिश्र शाका और बीएसए शालिनी श्रीवास्तव के बीच आरोप-प्रत्यारोप से राजनीतिक घमासान मच गया है। एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने अधिकारियों पर लक्ष्मणरेखा पार करने का आरोप लगाया और इस मुद्दे को विधान परिषद में उठाने की बात कही। विधायक ने जर्जर करुअना-मगहरा मार्ग का मुद्दा उठाया था जिसके लिए स्वीकृत धन को अन्य कार्यों में ट्रांसफर कर दिया गया।

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    एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह । सौ- इंटरनेट मीडिया

    जागरण संवाददाता, देवरिया। दिशा की बैठक में बरहज विधायक दीपक मिश्र शाका व बीएसए शालिनी श्रीवास्तव के बीच आरोप-प्रत्यारोप के दौरान अधिकारियों के बयान से प्रशासनिक व राजनीतिक गलियारे में घमासान मचा है। घटना के गवाह रहे एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि अधिकारियों ने दिशा की बैठक में लक्ष्मणरेखा पार की है। इस प्रकरण को मानसून सत्र में ही विधान परिषद में दमदारी से उठाऊंगा।

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    उन्होंने कहा कि विधायक दीपक मिश्र शाका अपनी जगह सही हैं। उन्होंने जनता का पक्ष चुना व वर्षों से खस्ताहाल करुअना-मगहरा मार्ग को प्रमुखता से उठाया। सवाल यह है कि इस सड़क के निर्माण के लिए मिला धन बिना शासन की स्वीकृति के दूसरे कार्यों के लिए कैसे ट्रांसफर कर दिया गया। पांच वर्षों में सड़क नहीं बनी तो विधायक से जनता सवाल कर रही है। ऐसे में विधायक ने दिशा की बैठक में अपनी पीड़ा व्यक्त की। एमएलसी ने कहा कि जिले में अधिकारियों को भ्रष्टाचार व जनता से जुड़ी माननीयों की सिफारिशों को जरुर सुनना चाहिए।

    तीन जुलाई को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित दिशा की बैठक में बरहज विधायक ने महिला शिक्षिका के वेतन संबंधी मामले को उठाया था। बीएसए ने इसे निराधार बताते हुए सदर बीआरसी में तैनात सहायक लेखाकार दिवाकर मिश्र के तबादले को लेकर दबाव बनाने का आरोप विधायक पर मढ़ दिया।

    तब बैठक में मौजूद एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने माहौल शांत करने का प्रयास किया व बीएसए से कहा कि यदि कलम न फंसे तो तबादला रद कर दीजिए। बीएसए को घिरा देख डीएम दिव्या मित्तल ने शासनादेश का हवाला देते सदन से कहा कि तबादले के लिए कोई जनप्रतिनिधि अधिकारी पर दबाव नहीं डाल सकता।

    पांच वर्षों में कई बार उठा खस्ताहाल करुअना-मगहरा मार्ग का मुद्दा

    वर्ष 2020 में शासन से स्वीकृति के बाद भी करुअना-परसिया-मगहरा-सलेमपुर मार्ग पांच वर्ष बाद भी नहीं बन सका। स्वीकृत धन का करीब 50 प्रतिशत अस्वीकृत कार्यों पर खर्च किए गए। मेसर्स रवि कंस्ट्रक्शन ने दो वर्ष सात माह में कार्य पूरा नहीं किया। जिसके बाद 28 जून 2024 को अनुबंध समाप्त कर दिया गया व बस्ती के मेसर्स केसराम कांट्रैक्टर को 11 सितंबर 2024 को निर्माण के लिए स्वीकृति पत्र जारी की गई।

    धन उपलब्ध न होने से अनुबंध गठित नहीं हो सका। इस मामले में लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड के दोषी अधिकारियों के विरुद्ध शासन में कार्रवाई चल रही है। सड़क निर्माण के लिए डीएम दिव्या मित्तल की ओर से 17 अक्टूबर 2024 को प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग, सात दिसंबर 2024 को मुख्य अभियंता गोरखपुर व नौ जुलाई 2025 को प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखा जा चुका है। फिलहाल पिछले माह प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को सतह सुधार के लिए एस्टीमेट स्वीकृति व धन आवंटन के लिए भेजा गया है।

    आरोपों की जांच में जुटी कमेटी, जल्द सौपेंगी रिपोर्ट

    जिलाधिकारी के निर्देश पर सीडीओ प्रत्यूष पांडेय के नेतृत्व में गठित कमेटी बरहज विधायक के आरोपों की जांच में जुटी है। जांच में शिक्षिका शशिबाला वर्मा के सेवानिवृत्ति के बाद आठ माह तक वेतन प्राप्त करने की पुष्टि हुई है। इसके लिए कौन जिम्मेदारों को चिह्नित किया जा रहा है। अन्य अनियमितता की भी जांच कमेटी कर रही है। सदर विकास खंड के कंपोजिट विद्यालय बढ़या बुजुर्ग में तैनात शिक्षिका शशिबाला वर्मा को 31 मार्च 2024 को सेवानिवृत्त होना था, लेकिन मानव संपदा पोर्टल पर सेवानिवृत्ति की तिथि 31 मार्च 2025 अंकित होने से अक्टूबर 2024 तक वेतन प्राप्त करती रहीं।