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    देवरिया को मिला 20 करोड़ रुपये का 'विकास फंड', अब इन कामों को मिलेगी रफ्तार

    Updated: Tue, 30 Sep 2025 04:58 PM (IST)

    देवरिया में शासन ने विधायक निधि की दूसरी किस्त जारी कर दी है जिससे विकास कार्यों को गति मिलेगी। सभी सात विधायकों और एक एमएलसी को 2.5-2.5 करोड़ रुपये की धनराशि मिली है जिसका उपयोग पेयजल सड़क निर्माण शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे कार्यों के लिए किया जा सकेगा। डीआरडीए के परियोजना निदेशक ने जनप्रतिनिधियों से ऑनलाइन प्रस्ताव भेजने का अनुरोध किया है।

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    विकास कार्यों के लिए विधायकों व एमएलसी को मिले 20 करोड़।

    जागरण संवाददाता, देवरिया। शासन ने विधायको निधि की दूसरी किस्त जारी कर दी है। जनपद के सभी सात विधायकों व एक एमएलसी को 2.5-2.5 करोड़ रुपये यानी कुल 20 करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई है। इसके माध्यम से विकास कार्यों को गति मिलेगी। डीआरडीए के परियोजना निदेशक की ओर से सभी जनप्रतिनिधियों से विकास कार्यों के लिए आनलाइन प्रस्ताव भेजने का अनुरोध किया है।

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    विधायक व एमएलसी को प्रत्येक वर्ष पांच करोड़ रुपये की निधि दो किस्तों में मिलती है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में पहली किस्त मई तो दूसरी किस्त अब जारी हुई है। इस धनराशि का उपयोग विधानसभा क्षेत्र में पेयजल, सड़क निर्माण, स्वच्छता, शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, विद्यालय कक्ष का निर्माण जैसे कार्यों के लिए कर सकेंगे।

    ग्राम्य विकास विभाग के विशेष सचिव मनोज कुमार सिंह ने 22 सितंबर को सीडीओ को पत्र भेजकर यह जानकारी दी है। जिन जनप्रतिनिधियों को निधि आवंटित हुई है, उसमें पथरदेवा से विधायक व प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, देवरिया सदर से विधायक डा.शलभ मणि त्रिपाठी, रुद्रपुर से विधायक व पूर्व मंत्री जयप्रकाश निषाद, सलेमपुर से विधायक व राज्य मंत्री विजय लक्ष्मी गौतम, रामपुर कारखाना से विधायक सुरेंद्र चौरसिया, बरहज से विधायक दीपक मिश्र शाका, भाटपाररानी से विधायक सभाकुंवर कुशवाहा व देवरिया स्थानीय प्राधिकारी से एमएलसी डा.रतन पाल सिंह शामिल हैं।

    विभागीय लोगों का कहना है कि शासन ने पिछले वित्तीय वर्ष से आनलाइन प्रस्ताव भेजने की व्यवस्था लागू की है। इसके लिए विधायकों व एमएलसी को आइडी व पासवर्ड पिछले वर्ष उपलब्ध करा दिए गए थे।

    विधायक निधि की दूसरी किस्त शासन ने अवमुक्त कर दी है। विशेष सचिव की ओर से सीडीओ को पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी गई है। सभी जनप्रतिनिधियों से विकास कार्यों के आनलाइन प्रस्ताव मांगे गए हैं।

    अनिल कुमार, परियोजना निदेशक डीआरडीए