Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जान से मारने की धमकी मिलने के बाद बोले BJP विधायक शलभ मणि, 'योगीराज में गीदड़ भभकी से डरने वाला नहीं'

    देवरिया में गोरखपुर ओवरब्रिज के नीचे बनी मजार को लेकर विवाद बढ़ गया है। विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने मजार को अवैध बताते हुए जांच की मांग की है जिसके बाद उन्हें जान से मारने की धमकी मिली है। विधायक ने सपा सरकार पर अवैध निर्माण का आरोप लगाया है और मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग की है। मजार ओवरब्रिज के दोहरीकरण में बाधा बन रही है।

    By SAURABH MISHRA Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 27 Aug 2025 09:59 AM (IST)
    Hero Image
    सदर विधायक डा. शलभ मणि त्रिपाठी। जागरण

    जागरण संवाददाता, देवरिया। शहर के गोरखपुर ओवरब्रिज के नीचे बने मजार को लेकर माहौल गरमा गया है। सदर विधायक डा. शलभ मणि त्रिपाठी ने बंजर की जमीन में कब्जा कर मजार बनाने की शिकायत करते हुए जांच कर कार्रवाई की मांग के मामले ने तूल पकड़ लिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्हें इंटरनेट मीडिया पर जान से मारने की धमकी मिली। ऐसे में विधायक ने पलटवार करते हुए कहा कि मोदी व योगीराज में गीदड़ भभकी से डरने वाला नहीं हूं। प्रशासन जांच कर अपना कार्य करेगा।

    विधायक ने कहा कि यह मजार बंजर की जमीन में गलत तरीके से सपा सरकार में बनाया गया है। 1993 में कल्याण सिंह की सरकार गिरने के बाद जब मुलायम सिंह यादव की सरकार बनी उसी दौरान इस जमीन में रातोंरात कब्रिस्तान व मजार के रूप में तब्दील कर दिया गया। अब मुख्यमंत्री के निर्देश पर जांच हो रही है। मुझे जो जानकारी मिली है जांच में मजार अवैध है। मजार सरकारी जमीन पर बनाई गई है। वहां पीडब्लूडी, बंजर की जमीन है। इसे हेराफेरी कर मजार व कब्रिस्तान में तब्दील कर दिया गया है। वरिष्ठ प्रचारक स्व. रामनगीना यादव ने जब इसकी लड़ाई लड़ी तो उनकी हत्या कर दी गई।

    कहा कि मुझे विश्वास है कि प्रशासन निष्पक्ष होकर प्रकरण की जांच करेगा। जैसे ही कागजों में मजार अवैध स्पष्ट होता है, उसे हटाया जाएगा। देवरिया-गोरखपुर मार्ग स्थित ओवर ब्रिज का दोहरीकरण होना है। मजार व कब्रिस्तान के कारण उसका दोहरीकरण कार्य लंबे समय से प्रभावित है। दोनों तरफ से सड़कें फोरलेन हैं जबकि ओवरब्रिज का दोहरीकरण नहीं होने से प्रतिदिन लोगों को यहां जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है।

    सदर विधायक ने बताया कि पीडब्लूडी और प्रशासनिक अधिकारियों से ओवरब्रिज के दोहरीकरण के प्रगति के बारे में जानने का प्रयास किया तो अधिकारियों ने पुल के नीचे बने मजार को बाधा बताया। विधायक ने मजार और कब्रिस्तान के निर्माण के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि इसका निर्माण अवैध तरीके सेे कराया गया है।

    बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से मिलकर इस प्रकरण के बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर जांच शुरू हुई तो मामला परत दर परत खुलकर सामने आने लगा है। विनियमित क्षेत्र के नियत प्राधिकारी की ओर से आरबीओ एक्ट की धारा 10 के तहत अवैध मजार निर्माण के लिए नोटिस भी दी गई है। प्रशासन इसकी गहराई से जांच कर रहा है।

    मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचने के कारण प्रशासनिक अधिकारी भी इसकी जांच गंभीरता से कर रहे हैं। हालांकि अभी इसके बारे में कोई अधिकारी खुल कर बात नहीं कर रहा है। यह मामला जिले में चर्चा विषय बना हुआ है।