Deoria News: करुअना-परसिया-मगहरा-सलेमपुर मार्ग के हिचकोले से राहत की उम्मीद, डीएम ने शासन को फिर लिखा पत्र
देवरिया में करुअना-परसिया-मगहरा-सलेमपुर मार्ग की खस्ता हालत से जनता परेशान है। सड़क सुधार के लिए 14.35 करोड़ का एस्टीमेट भेजा गया है। डीएम दिव्या मित्तल ने लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर स्वीकृति का अनुरोध किया है। बरहज विधायक दीपक मिश्र शाका ने भी मुद्दा उठाया था। सड़क निर्माण की स्वीकृति का इंतजार है ताकि लोगों को राहत मिल सके।

जागरण संवाददाता, देवरिया। करुअना-परसिया-मगहरा-सलेमपुर मार्ग की वर्षों से बिखरी गिट्टियाें से मिल रहे हिचकोले से राहत की उम्मीद जगी है। डीएम दिव्या मित्तल की ओर से लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव को फिर से पत्र लिखकर एस्टीमेट की स्वीकृति के लिए अनुरोध किया गया है। डीएम की ओर से अक्टूबर 2024 से लेकर अबतक चार बार पत्र लिखा गया है।
पिछले पांच वर्षों से करुअना-परसिया-मगहरा-सलेमपुर मार्ग आमजन को दर्द दे रही है। पेचदगियों में उलझा सड़क निर्माण की राह आसान करने में माननीयों के साथ ही जिला प्रशासन लगा है।
19 जून को प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग लखनऊ की ओर से सतह सुधार कार्य के लिए 14.35 करोड़ का एस्टीमेट प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को भेजा गया है। 13.100 किलाेमीटर लंबी सड़क के निर्माण के लिए धन की स्वीकृति का इंतजार है।
तीन जुलाई को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित दिशा की बैठक में बरहज विधायक दीपक मिश्र शाका ने इस अधूरी सड़क व खस्ताहाल सोनूघाट-बरहज का मुद्दा जोरशोर से उठाया था।
विधायक ने गहरा रोष प्रकट किया था। शासन-प्रशासन की छवि धूमिल न हो, इसके लिए नौ जुलाई को डीएम ने लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर सड़क निर्माण कार्य के लिए धन स्वीकृति का अनुरोध किया है।
इसके पहले 22 नवंबर 2024 को बरहज विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों ने कार्य अपूर्ण होने पर रोष प्रकट किया था, जिसको देखते हुए डीएम की ओर से सात दिसंबर 2024 को लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता गोरखपुर को पत्र लिखा गया व विभागीय नियमों को देखते हुए कार्य पूर्ण कराने को कहा गया था।
14 अक्टूबर 2024 को जनपद के प्रभारी मंत्री व पर्यटन मंत्री के आगमन पर कार्ययोजना के लिए बैठक में बरहज विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों ने प्रकरण उठाया था। जिसके क्रम में डीएम ने प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को मार्ग का शेष कार्य यथाशीघ्र कराने के लिए पत्र लिखा था।
जनप्रतिनिधियों को कटघरे में खड़ा करना दुर्भाग्यपूर्ण: डाॅ. शलभ मणि
सदर विधायक डाॅ. शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि अपने क्षेत्र की सड़क को लेकर विधायक दीपक मिश्र शाका की पीड़ा जायज है। जहां तक स्थानांतरण के दबाव का आरोप है तो यह आरोप न तो जायज है न ही प्रामाणिक।
दिशा जैसी गंभीर बैठक में एक जनप्रतिनिधि पर सीधा आरोप लगाया गया। इसके साथ ही सभी जनप्रतिनिधियों को एकसाथ कटघरे में खड़ा करना दुर्भाग्यपूर्ण है। लोग तहसीलों, थानों, बीएसए कार्यालय समेत अलग अलग विभागों में अधिकारियों व कर्मचारियों की शिकायतें लेकर आते हैं।
ऐसे में जनप्रतिनिधि सवाल तो पूछेंगे ही और जायज कार्य कराने का दबाव भी बनाएंगे। यदि अधिकारी अपना काम ठीक ढंग से करते तो किसी जनप्रतिनिधि को दबाव बनाने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
लोग मदद मांगने जनप्रतिनिधियों के पास आते ही नहीं। सिर्फ अधिकारियों के पास ही जाते। जरूरत है कि जनप्रतिनिधियों को शासनादेश दिखाने की बजाए अधिकारी अपनी तहसीलों, लेखपालों, ग्राम सचिवों और थानों को सुधारें।

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