देवरिया में तीन महीने से मनरेगा कर्मियों को नहीं मिला वेतन, दीवाली से पहले भुगतान करने का आदेश
देवरिया जिले में मनरेगा कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला था, जिससे उनमें नाराजगी थी। जिला प्रशासन ने दीवाली से पहले सभी बकाया वेतन का भुगतान करने का आदेश दिया है। वेतन में देरी का कारण बजट की कमी बताई गई है। जिलाधिकारी ने भविष्य में वेतन में देरी न होने की चेतावनी दी है।

मनरेगा कर्मियों को तीन माह से नहीं मिला वेतन।
जागरण संवाददाता, पथरदेवा। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों को पिछले तीन महीनों से वेतन नहीं मिला है। इस कारण दीपावली जैसे बड़े त्योहार पर इन कर्मियों के घरों में खुशियों की जगह आर्थिक संकट ने दस्तक दे दी है। समय पर वेतन न मिलने से कर्मचारियों में गहरा आक्रोश और मायूसी देखने को मिल रही है।
इस योजना के तहत अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, एकाउंटेंट, तकनीकी सहायक, कंप्यूटर ऑपरेटर और रोजगार सेवक के रूप में कार्यरत कर्मी पूरे जनपद में लगभग 790 है। जिसमें ब्लॉक पथरदेवा में एक अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, 6 तकनीकी सहायक, एक एकाउंटेंट, एक कंप्यूटर आपरेटर व 45 ग्राम रोजगार सेवक तैनात हैं। ये ब्लॉक से लेकर ग्रामीण विकास से जुड़े कार्यों को संचालित करते हैं।
फिलहाल जनपद में लगभग 790 मनरेगा कर्मी के घरों में इस वेतन संकट से दीपावली का पर्व प्रभावित हो रहा हैं। इन कर्मियों का कहना है कि हर वर्ष समय पर वेतन मिलने से त्योहारों पर घर में रौनक रहती थी, लेकिन इस बार अगस्त, सितम्बर व अक्टूबर का वेतन बकाया होने के चलते दीपावली फीकी पड़ने वाली है।
कर्मचारियों ने विभागीय अधिकारियों से वेतन भुगतान जल्द से जल्द जारी करने की मांग की है ताकि उनके परिवार त्योहार मना सकें। उनका कहना है कि सरकार ग्रामीण विकास योजनाओं को गति देने की बात करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
यदि जल्द वेतन भुगतान नहीं हुआ तो आंदोलन करने पर विचार किया जाएगा। ग्रामीण विकास से जुड़े ये कर्मी आज भी वेतन के इंतजार में विभागीय दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं।
इनके वेतन भुगतान के लिए शासन से बात चल रही है, एक से दो दिन में भुगतान मिल जाने की संभावना है। -आलोक पांडेय, उपायुक्त श्रम रोजगार मनरेगा देवरिया।
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