Deoria News: मुठभेड़ मामले में जिला जज के यहां पुनरीक्षण याचिका दाखिल, इस बात को लेकर स्पष्टीकरण तलब
देवरिया में, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ जिला जज के यहां पुनरीक्षण याचिका दायर की गई। बनकटा थाने के पुलिसकर्मियों के विरुद्ध आदेश दिया गया था, जिसके बाद यह याचिका दाखिल हुई। न्यायालय ने मुठभेड़ की कहानी को फर्जी पाया था और थानाध्यक्ष से स्पष्टीकरण तलब किया कि आदेश का अनुपालन क्यों नहीं किया गया। मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी।

विधि संवाददाता, देवरिया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मंजू कुमारी की अदालत की ओर से थाना बनकटा के पुलिस कर्मियों के विरुद्ध पारित आदेश के विरुद्ध प्रशासन ने जनपद न्यायाधीश धनेंद्र प्रताप सिंह की अदालत में मंगलवार को पुनरीक्षण याचिका दाखिल किया। मंगलवार को सुनवाई के बाद जनपद न्यायाधीश ने मामले को अपर सत्र न्यायाधीश सुभाष चंद्र मौर्य की अदालत में अंतरित करते हुए 26 नवंबर की तिथि नियत कर दी है। जबकि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आदेश के छह दिन बाद भी थानाध्यक्ष की ओर से प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज न किए जाने पर उनसे स्पष्टीकरण तलब किया है। पूछा कि उन्होंने क्यों व किन परिस्थितियों में न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं किया?
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मंजू कुमारी की अदालत ने 12 नवंबर को थाना बनकटा में हुए मुठभेड़ की कहानी को फर्जी पाए जाने पर लूट व प्राणघातक हमले के आरोप में गिरफ्तार किए गए आरोपित दिलीप सोनकर के रिमांड प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की।
उन्होंने उप निरीक्षक सुशांत पाठक, हेड कांस्टेबल राजेश कुमार कांस्टेबल सज्जन चौहान को पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरतने पर उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने का आदेश दिया था। अदालत ने थानाध्यक्ष गोरखनाथ सरोज के विधिक ज्ञान पर भी प्रश्न चिह्न खड़ा करते हुए पुलिस अधीक्षक से मामले की जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया था।
आदेश की जानकारी होते ही पुलिस विभाग में अफरातफरी मच गई। सीजेएम कोर्ट के आदेश के विरुद्ध जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी ने जनपद न्यायाधीश के यहां पुनरीक्षण याचिका दाखिल कर मांग किया कि सीजेएम ने बिना अभियोजन पक्ष को सुने आदेश पारित कर दिया। जिसे निरस्त किया जाए।

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