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    Deoria: वार्डों में घूमते कुत्तों और दुर्गंध से मरीजों को हो रही दिक्कत, मेडिकल कालेज में अव्यवस्था का जंजाल

    By SAURABH MISHRAEdited By: Shivam Yadav
    Updated: Sat, 05 Nov 2022 06:30 AM (IST)

    महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज में इमरजेंसी में बिना चादर व खून लगे चादर पर लिटा कर रोगियों का उपचार किया जा रहा है। कई रोगियों को इमरजेंसी में कुर्सियों व स्ट्रेचर पर ही लिटा कर उपचार किया गया।

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    मेडिकल कालेज की मुख्य नाली एक सप्ताह से चोक है।

    देवरिया, जागरण संवाददाता। महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज में चारों तरफ अव्यवस्था का जंजाल है। बेहतर उपचार का सपना चकनाचूर हो रहा है। एक तरफ दवाओं की कमी है तो दूसरी तरफ गंदगी के चलते वार्ड में भर्ती रोगियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। मेडिकल कालेज की मुख्य नाली एक सप्ताह से चोक है। 

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    इमरजेंसी में बिना चादर व खून लगे चादर पर लिटा कर रोगियों का उपचार किया जा रहा है। कई रोगियों को इमरजेंसी में कुर्सियों व स्ट्रेचर पर ही लिटा कर उपचार किया गया। वार्ड व बरामदे में घूम रहे कुत्तों से रोगियों व बच्चों को हर समय खतरा है। यहां रोगियों की भीड़ के आगे पूरी व्यवस्था तार-तार हो गई है। 

    वार्ड के हालत बदतर, रोगियों को खतरा

    महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज में ही जिला अस्पताल व जिला महिला अस्पताल संबद्ध है। यहां इमरजेंसी से रोगियों को भर्ती कर वार्ड में शिफ्ट किया जाता है। वार्ड की हालत बदतर है। डेंगू वार्ड को पुराने चिल्ड्रेन वार्ड में बनाया गया है। इसका छत टपक रहा है। यहां हर पल रोगियों को खतरा है। 

    खून लगे चादर पर रोगियों का उपचार 

    इमरजेंसी के वार्ड में चारों तरफ गंदगी है। गंदे चादर व बिना चादर के ही रोगियों को लिटा कर उपचार किया जा रहा है। गैस समेत कई दवाएं समाप्त हैं। रोगी बाहर से खरीद कर ले आ रहे हैं। डाक्टरों व कर्मचारियों की मनमानी इस कदर है कि वार्ड में तैनात डाक्टर गायब रहते हैं। जब इमरजेंसी होती है तो स्टाफ नर्स उन्हें फोन कर बुलाती हैं और वो तब हाजिर होते हैं। 

    नहीं मिला ह्वीलचेयर व स्ट्रेचर, परेशान रहे रोगी

    शुक्रवार को ओपीडी व इमरजेंसी से अधिकांश रोगियों को ले जाने के लिए ह्वीलचेयर व स्ट्रेचर नहीं मिला। जिससे रोगियों को उनके स्वजन सहारा देकर जांच व उपचार कराने के लिए वार्ड तक ले गए। भानमती देवी पत्नी स्व. राम आधार क्षेत्र के मठिया बैरौना की रहने वाली हैं। इमरजेंसी से ओपीडी में डाक्टर को दिखाने के लिए उन्हें स्ट्रेचर व ह्वीलचेयर नहीं मिला, जिससे उन्हें टांग कर ले जाना पड़ा। हड्डी रोग विभाग में ऐसे कई रोगी दिखे। 

    वार्ड के बरामदे में घूमते मिले कुत्ते

    जिला अस्पताल के पुराने भवन के ओटी, मेल मेडिकल वार्ड के बरामदे व महिला अस्पताल के वार्ड के बरामदे में कुत्ते घूमते हुए दिखे। ये कभी भी रोगियों, गर्भवती व उनके शिशुओं के लिए खतरा बन सकते हैं। जिला अस्पताल के मुख्य गेट पर भी कुत्ते घूमते हुए दिखे। 

    इन्होंने कहा…

    भवन पुराना होने के कारण दिक्कत हो रही है। धीरे-धीरे समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। कुत्तों को अस्पताल से बाहर करने का निर्देश सुरक्षा कर्मियों को दिया गया है। रोगी का बेहतर उपचार व उनकी सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। 

    -डा. राजेश बरनवाल, प्रधानाचार्य, महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज।