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    Deoria News: मजार मामले में दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई में देरी पर विधायक ने उठाए सवाल, प्रमुख सचिव गृह को लिखा पत्र

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 12:44 PM (IST)

    देवरिया में बंजर जमीन को अवैध रूप से मजार के रूप में दर्ज कराने के मामले में कार्रवाई में देरी पर विधायक ने सवाल उठाए हैं। एएसडीएम कोर्ट ने अभिलेख दुर ...और पढ़ें

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    सदर विधायक डा.शलभ मणि त्रिपाठी ने प्रमुख सचिव गृह को लिखा पत्र। जागरण

    जागरण संवाददाता, देवरिया। सरकारी अभिलेखों में हेरफेर कर बंजर भूमि को मजार और कब्रिस्तान के रूप में दर्ज कराने के मामले में दोषियों के विरुद्ध अबतक कार्रवाई नहीं हो सकी है। नायब तहसीलदार शिवेंद्र कौंडिल्य ने अभी तक दोषी कर्मचारियों को चिह्नित करने का काम पूर्ण नहीं किया है। जिसके कारण कार्रवाई लटकी हुई है। कार्रवाई में देरी होने पर सदर विधायक डा.शलभ मणि त्रिपाठी ने सवाल उठाया है। उन्होंने प्रमुख सचिव गृह को पत्र लिखकर बंजर भूमि पर बने अवैध मजार को ध्वस्त करने व अभिलेखों में हेराफेरी करने व कराने वालों के विरुद्ध भू-माफिया की कार्रवाई करने की मांग की है।

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    शहर के गोरखपुर रोड स्थित रेलवे ओवरब्रिज से सटे मजार मामले में एएसडीएम अवधेश निगम की कोर्ट ने अभिलेख दुरुस्ती का आदेश दिया। जिसके बाद राजस्व अभिलेखों से मजार व कब्रिस्तान की प्रविष्टि खारिज करते हुए पूर्व की भांति बंजर दर्ज किया गया, लेकिन एएसडीएम कोर्ट के आदेश के बाद भी दोषियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज नहीं किया गया।

    सदर विधायक डा.शलभ मणि त्रिपाठी ने इसे अत्यंत चिंताजनक व आश्चर्यजनक बताते हुए जिम्मेदार अधिकारियों के रवैये पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि सरकार की अरबों रुपये मूल्य की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। इस मामले में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि दोषियों को जानबूझकर ऊपरी अदालतों में विधिक लाभ उठाने का अवसर प्रदान किया जा रहा है।

    उन्होंने मजार को तत्काल ध्वस्त कराने, इस प्रकरण से जुड़े दोषियों व मजार समिति से जुड़े व्यक्तियों के विरुद्ध भूमाफिया के प्रविधानों के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई करने, राजस्व अभिलेखों से छेड़छाड़ कर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के विरुद्ध तत्काल मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है।

    मजार पक्ष ने कोर्ट में दी आपत्ति
    नियत प्राधिकारी एसडीएम सदर श्रुति शर्मा की कोर्ट में बिना मानचित्र स्वीकृति के बनाए गए मजार मामले की सुनवाई हुई। मजार पक्ष ने अपना लिखित आपत्ति कोर्ट को उपलब्ध कराया है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की ओर से रिपोर्ट अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। सुनवाई के लिए गुरुवार को अगली तिथि निर्धारित की गई।

    दोषी कर्मचारियों को चिह्नित करने के लिए नायब तहसीलदार सदर शिवेंद्र कौंडिल्य को निर्देश दिया गया है। एसआइआर में व्यस्तता के कारण दोषी कर्मचारी चिह्नित नहीं हो सके हैं। दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध जल्द मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

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    -केके मिश्र, तहसीलदार सदर