दीनदयाल उपाध्याय ने एकात्म मानववाद का दिया दर्शन
विधायक डा.सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि पं.दीनदयाल उपाध्याय नेहरू के विकास माडल से सहमत नहीं थे। उन्होंने समाजवाद साम्यवाद व पूंजीवाद के विचारधारा को खारिज किया।

देवरिया: संत विनोबा पीजी कालेज में सोमवार को व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसका विषय पं. दीनदयाल उपाध्याय का राजनीतिक एवं आर्थिक चितन रखा गया।
हीरालाल रामनिवास पीजी कालेज खलीलाबाद राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. दिग्विजयनाथ पांडेय ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने एकात्म मानववाद का दर्शन दिया। उन्होंने स्वदेशी, सामाजिक-आर्थिक माडल प्रस्तुत किया, जिसके विकास के केंद्र में मानव हो। उन्होंने कहा कि उनका मानना था कि शासन केवल कानून से नहीं, बल्कि लोक व्यवहार से चलता है। उनका एकात्म मानववाद मनुष्य के शरीर, मन, बुद्धि व आत्मा का एक समुच्चय है। वह उदारवादी परंपरा के वाहक थे। उन्होंने आर्थिक क्षेत्र में नई परिकल्पना को जन्म दिया। विधायक डा.सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि पं.दीनदयाल उपाध्याय नेहरू के विकास माडल से सहमत नहीं थे। उन्होंने समाजवाद, साम्यवाद व पूंजीवाद के विचारधारा को खारिज किया। एसोसिएट प्रोफेसर डा.बृजेश कुमार त्रिपाठी ने पं. दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय दर्शन की चर्चा की। कहा कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को लाभ मिले, इसकी उन्होंने परिकल्पना की थी।
इस मौके पर राजनीति विज्ञान विभाग की तरफ से आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता में पहले स्थान पर एमए द्वितीय वर्ष के शुभम वर्मा व उनके सहपाठी रहे। दूसरा स्थान बीए तृतीय वर्ष की खुशी यादव व उसके सहपाठी रहे। तीसरा स्थान एमए प्रथम वर्ष की कीर्ति तिवारी व उसके सहपाठी रहे। इस मौके पर प्राचार्य डा.वाचस्पति द्विवेदी, डा.बृजेश पांडेय, डा.मंशा देवी, डा.अरविद कुमार, डा.अशोक सिंह, डा.शैलेंद्र राव, डा.विवेक मिश्र आदि मौजूद रहे। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के लिए किया जागरूक
देवरिया: संत विनोबा पीजी कालेज की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सात दिवसीय विशेष शिविर के तीसरे दिन पिपरपाती गांव में सोमवार को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया। स्वयंसेवकों ने गांव में जाकर बेटियों को बचाने व शिक्षा के प्रति जागरूक किया।
प्राथमिक विद्यालय पिपरपाती में स्वयंसेवकों ने शिक्षण कार्य किया। मनोविज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. तूलिका पांडेय ने कहा कि महिलाएं मानव समाज के सृजन की धुरी हैं। महिलाओं के प्रति संपूर्ण समाज को अपनी रुढ़ीवादी सोच में परिवर्तन करना होगा। बेटी नहीं होगी तो बहु कहां से आएगी। इस मौके पर कार्यक्रम अधिकारी डा.चंद्रेश कुमार बारी, कृष्णमुरारी गुप्ता, डा.राजेश मिश्र, तेज प्रताप, अनिल यादव, विनय कुमार आदि मौजूद रहे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।