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    संस्कृत व संस्कृति की उन्नति के लिए हो कार्य: कलराज

    देवरिया: श्री बैकुंठनाथ पवहारी संस्कृत महाविद्यालय एवं आयुर्वेदिक दातव्य औषधालय, बैकुंठपुर, द

    By JagranEdited By: Updated: Thu, 23 Nov 2017 11:38 PM (IST)
    संस्कृत व संस्कृति की उन्नति के लिए हो कार्य: कलराज

    देवरिया: श्री बैकुंठनाथ पवहारी संस्कृत महाविद्यालय एवं आयुर्वेदिक दातव्य औषधालय, बैकुंठपुर, देवरिया का 59वां वार्षिकाधिवेशन श्री श्री 1008 श्री महामंडलेश्वर सप्तम पवहारी श्री राघवेंद्र दास के सानिध्य में मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के छात्रों द्वारा वैदिक मंगलाचरण, पौराणिक मंगलाचरण, स्वागत गीत व सरस्वती वंदना से किया गया। मुख्य अतिथि सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र ने कहा कि संस्कृत और संस्कृति की रक्षा के लिए प्रथम पवहारी श्री लक्ष्मीनारायण दास जी ने संस्था को स्थापित किया था। मैं इस संस्था के पूर्ण परिचय को जानता हूं इस तरह का कार्य करने वाली उत्तर प्रदेश की यह अनुपमेय संस्था है। यहां पर तपस्वी ऋषियों के तप का प्रभाव है कि इस तरह की गतिविधियां संचालित हो रही है। यह संस्था संस्कृत और संस्कृति की रक्षा के लिए लंबे समय से कार्य करती चली आ रही है। इसकी उन्नति के लिए सदैव कार्य होते रहना चाहिए।

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    अध्यक्षता कर रहे रामपुर कारखाना के विधायक कमलेश शुक्ल ने कहा कि संस्कृत देव वाणी है और हमारी संस्कृति की प्राण है। संस्कृति हमारी भारत के प्रतिष्ठा के रूप में जाना जाता है। विशिष्ट अतिथि सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के संगणक विभाग के अध्यक्ष डा.विजयमणि त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय मूल्यों को बचाना और उसे अपने जीवन मे लाना आजकल हमारे लिए चुनौती का विषय बन गया है। प्रो.शैलेश मिश्र ने कहा कि भारतीय संस्कृति के संरक्षण में राज्य सरकार भी जब अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी तभी संस्कृत और संस्कृति की उन्नति संभव है। प्रो.आशुतोष मिश्र ने कहा कि पुराण और इतिहास में नैतिक मूल्यों की बहुविध चर्चा की गई है वेदों को सरलता से प्रस्तुत करने के लिए पुराण की रचना की गई, सभी पुराण जीवनोपयोगी बातों से भरा हुआ है। कार्यक्रम मे अतिथियों ने बैकुंठनाथ पवहारिणी महाविद्यालयीय पत्रिका के दूसरे अंक का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के छात्रों द्वारा सांस्कृतिक, शैक्षणिक कार्यक्रम को प्रस्तुत किया गया। अधिवेशन में वार्षिक परीक्षाओं में प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त सभी कक्षा के छात्रों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में आए अतिथियों का स्वागत एवं माल्यार्पण प्रबंधक अंगद तिवारी ने किया। महाविद्यालय प्रतिवेदन प्रस्तुति डा.रामकेश्वर तिवारी ने किया। कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ता के रूप में गोरखनाथ मंदिर से वेदाचार्य रामानुज त्रिपाठी और गोरक्षनाथ संस्कृत विद्यापीठ के प्राचार्य डा. अर¨वद कुमार चतुर्वेदी, डा.योगेश कुमार चतुर्वेदी, कैलाशनाथ चौबे, डा.युगल किशोर त्रिपाठी, डा.अखिलेश कुमार पांडेय, डा. ओंकार नाथ पांडेय, डा. मनीष कुमार शुक्ल, डा.मिथिलेश कुमार शुक्ल, शैलेश पांडेय, संपूर्णानंद मिश्र, ज्योतिषाचार्य पंडित विवेक उपाध्याय, नितेश कुमार उपाध्याय, प्रवीण कुमार मिश्र, रविशंकर दुबे, साधना मिश्रा, राकेश त्रिपाठी, विजय कुमार दुबे आदि उपस्थित थे। रात्रि में रामविवाह का मंचन एवं रात्रि जागरण का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। रात्रि में रोटरी क्लब के अखिलेन्द्र शाही ने संयोजन में भव्य भंडारे का आयोजन किया गया। संचालन डा.अजय कुमार शुक्ल ने किया।