Deoria News: राज्यमंत्री पर मंदिर की भूमि कब्जाने का आरोप, प्रशासन ने गेट पर लगाया ताला
देवरिया में सलेमपुर से भाजपा विधायक विजय लक्ष्मी पर मंदिर की जमीन कब्जाने का आरोप लगाकर मंदिर के उत्तराधिकारी राजेश नारायण दास धरने पर बैठ गए। प्रशासन ने पैमाइश का आश्वासन देकर उन्हें उठाया। राज्यमंत्री ने आरोपों को निराधार बताया और मंदिर के महंत पर अतिक्रमण का आरोप लगाया। प्रशासन ने राज्यमंत्री की निर्माणाधीन चहारदीवारी के गेट पर ताला लगा दिया। दोनों पक्षों को अभिलेख प्रस्तुत करने को कहा है।
जागरण संवाददाता, देवरिया। सलेमपुर से भाजपा विधायक और ग्रामीण विकास राज्यमंत्री विजय लक्ष्मी पर मंदिर की जमीन कब्जाने का आरोप लगाकर मनोकामना पूर्ण मंदिर के उत्तराधिकारी राजेश नारायण दास मंगलवार सुबह धरने पर बैठ गए। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट श्रुति शर्मा व संजय रेड्डी ने पैमाइश का आश्वासन देकर उन्हें सड़क से उठाया।
राज्यमंत्री ने आरोपों को निराधार बताते हुए मंदिर के महंत पर ही अतिक्रमण करने का आरोप लगाया। मंदिर प्रबंधन और राज्यमंत्री समर्थकों की मौजूदगी में देर शाम तक चली पैमाइश पूरी न हो पाने तथा शांतिभंग की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने राज्यमंत्री की निर्माणाधीन चहारदीवारी के गेट पर ताला लगा दिया।
शहर के देवरिया खास मोहल्ले में स्थित प्राचीन मनोकामना पूर्ण मंदिर के उत्तराधिकारी राजेश नारायण दास ने आरोप लगाया कि कई बार आवेदन देने के बावजूद प्रशासन मंदिर की जमीन की पैमाइश नहीं करा रहा है। मंत्री के दबाव में एकतरफा कार्यवाही हो रही है। मंत्री ने अनाधिकृत तरीके से बाउंड्री कराई और अब गेट मंदिर की जमीन में खोल रही हैं।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पैमाइश कराने के आश्वासन पर उत्तराधिकारी धरने से उठे। जवाइंट मजिस्ट्रेट की निगरानी में पैमाइश शुरू हुई जो देर शाम तक चलती रही। पैमाइश के दौरान मंदिर प्रबंधन और राज्यमंत्री समर्थकों के बीच गहमा-गहमी रही। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सदर, श्रुति शर्मा ने कहा कि शाम होने की वजह से पैमाइश पूरी नहीं हो सकी।
पुलिस की रिपोर्ट पर शांतिभंग की आशंका में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 164 के तहत चहारदीवारी वाले भूिम के जब्तीकरण की कार्रवाई की गई है। दोनों पक्षों को अपने अभिलेख प्रस्तुत करने को कहा गया है।
इस संबंध में राज्यमंत्री विजय लक्ष्मी गौतम ने कहा कि जिस जमीन पर मैंने बाउंड्री चलवाई है वह मेरी पुस्तैनी जमीन है। मंदिर के महंत इसके पहले भी निराधार आरोप लगाते रहे हैं। उन्होंने खुद मंदिर के नाम पर जमीन अतिक्रमण की है। यह मामला डीएम, एसडीएम सभी के संज्ञान में है।
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