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    कर्तव्य पालन हमारा दायित्व

    By Edited By:
    Updated: Tue, 25 Oct 2016 11:22 PM (IST)

    देवरिया: कर्तव्य किसी भी व्यक्ति के लिए नैतिक या वैधानिक जिम्मेदारी है, जिनका पालन सभी को देश

    देवरिया:

    कर्तव्य किसी भी व्यक्ति के लिए नैतिक या वैधानिक जिम्मेदारी है, जिनका पालन सभी को देश के लिए करना चाहिए। ये एक कार्य या कार्रवाई है, जिसका पालन देश के प्रत्येक नागरिकों को अपनी नौकरी या पेशे की तरह करना चाहिए। कर्तव्यों का पालन करना एक नागरिक का अपने राष्ट्र के प्रति सम्मान को प्रदर्शित करता हैं। हर किसी को सभी नियमों और नियमन का पालन करने के साथ ही विनम्र और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारियों के लिए वफादार होना चाहिए। एक व्यक्ति के लिए राष्ट्र के प्रति कई कर्तव्य होते हैं। जैसे आर्थिक विकास एवं वृद्धि, साफ-सफाई, सुशासन, गुणवत्ता की शिक्षा, गरीबी मिटाना, सभी सामाजिक मुद्दों को खत्म करना, ¨लग समानता लाना, सभी के लिए आदर-भाव रखना, वोट डालने जाना, स्वस्थ्य युवा देने के लिए बाल श्रम को खत्म करना आदि।

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    -सुधा तिवारी

    उप प्रधानाचार्य, पीएन एकेडमी, देवरिया

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    राष्ट्र विकास के लिए कर्तव्य पालन जरूरी

    देश को विकसित बनाने के लिए सभी नागरिकों को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। एक देश पिछड़ा, गरीब या विकासशील है तो यह सब कुछ उसके नागरिकों पर निर्भर करता हैं। प्रत्येक को देश के अच्छे नागरिक होने के साथ ही देश के प्रति वफादार भी होना चाहिए। लोगों को सभी नियमों, अधिनियमों तथा सरकार द्वारा सुरक्षा और बेहतर जीवन के लिए बनाए गए कानूनों का पालन करना चाहिए। यही हमारा राष्ट्र के प्रति उत्तरदायित्व भी है और कर्तव्य भी।

    -रत्नाकर मिश्रा

    शिक्षक, मैट्रिक्स स्कूल आफ लर्निग, डिवाढार देवरिया

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    नैतिक प्रतिबद्धता सामूहिक जिम्मेदारी

    देश के प्रति कर्तव्य एक व्यक्ति या समूह की नैतिक प्रतिबद्धता व सामूहिक जिम्मेदारी है। इसे देश के सभी लोगों को समझना चाहिए। भारत वह देश है, जो 'विविधता में एकता' के सिद्धांत में विश्वास रखता हैं, जहां एक से अधिक धर्म, जाति, पंथ, संप्रदाय और भाषाओं के लोग एक साथ रहते हैं। यह वह देश है, जो पूरी दुनिया में अपनी संस्कृति, परंपरा और ऐतिहासिक धरोहरों के कारण प्रसिद्ध है। हालांकि यहां के नागरिकों की गैर-जिम्मेदारियों के कारण अभी भी विकासशील देशों की श्रेणी में गिना जाता है।

    -शंकर ¨सह

    शिक्षक, बापू आदर्श इंटर कालेज, ¨वदवलिया

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    न भूलें अपनी जिम्मेदारी

    अमीर-गरीब के बीच बहुत अधिक अंतर है। अमीर व्यक्ति गरीबों को न तो समझते हैं और न ही उनके प्रति अपनी जिम्मेदारियों का पालन करते हैं। वो देश की आर्थिक वृद्धि के बारे में अपनी जिम्मेदारी को भूल गए हैं, जो देश में गरीबी हटाने से ही बढ़ सकती हैं।

    -सपना मद्धेशिया

    कक्षा-8, बापू आदर्श इंटर कालेज, ¨बदवलिया

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    सैनिक ईमानदारी से निभाते हैं दायित्व

    एक स्वार्थ रहित और देश के प्रति कर्तव्य पालन का उदाहरण भारतीय सैनिकों द्वारा देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए निभाई जाने वाली ड्यूटी है। वे हमें और हमारे देश को विरोधियों से बचाने के लिए चौबीस घंटे सरहद पर देश की रक्षा के लिए डटे रहते हैं। कहने का अर्थ वह हर दिन ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हैं।

    -जन्मेजय रावत

    कक्षा-9, दीन दयाल इंटर कालेज, देवरिया

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    माता-पिता देश के प्रति सबसे अधिक जिम्मेदार

    माता-पिता देश के प्रति सबसे अधिक जिम्मेदार होते हैं, क्योंकि वे ही देश के लिए एक अच्छे और बुरे नेता देने के मुख्य स्त्रोत हैं। वे बच्चों के प्राथमिक आधारभूत विद्यालय होते हैं इसलिए उन्हें हर समय चौकस रहना चाहिए, क्योंकि वे देश के भविष्य को पोषण देने के लिए जिम्मेदार हैं।

    -ऋषिकेश यादव

    कक्षा-9, क¨लद इंटरमीडिएट कालेज, देवरिया

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