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UP First Glass Bridge: यूपी में भी अब 'शीशे का पुल', दिखने में है धनुष-बाण जैसा; जानें आम लोगों के लिए कब से खुलेगा

उत्तर प्रदेश का पहला ग्लास स्काई वाक ब्रिज तुलसी (शबरी) जल प्रपात में बनकर तैयार हो गया है। कोदंड वन स्थित प्रपात पर 3.70 करोड़ रुपये से भगवान राम के धनुष और बाण के आकार का ब्रिज बनाया गया है। आने वाले समय में यह सबसे खूबसूरत ईको टूरिज्म केंद्र बनेगा। यहां पर राक व हर्बल गार्डन के साथ रेस्टोरेंट भी बनाए जा रहे हैं।

By hemraj kashyap Edited By: Riya Pandey Published: Wed, 10 Apr 2024 05:02 PM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2024 05:02 PM (IST)
यूपी के इस शहर में बना राज्य का पहला ग्लास ब्रिज

जागरण संवाददाता, चित्रकूट। UP First Glass Skywalk Bridge: उत्तर प्रदेश का पहला ग्लास स्काई वाक ब्रिज चित्रकूट में तुलसी (शबरी) जल प्रपात में बनकर तैयार हो गया है। कोदंड वन स्थित प्रपात पर 3.70 करोड़ रुपये से भगवान राम के धनुष और बाण के आकार का ब्रिज बनाया गया है।

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पर्यटकों के लिए यह ब्रिज लोकसभा चुनाव के बाद खोला जाएगा। आने वाले समय में यह सबसे खूबसूरत ईको टूरिज्म केंद्र बनेगा। यहां पर राक व हर्बल गार्डन के साथ रेस्टोरेंट भी बनाए जा रहे हैं।

वन और पर्यटक विभाग ने करवाया निर्माण

वन और पर्यटन विभाग की ओर से ग्लास स्काई वाक ब्रिज का निर्माण कराया गया है। इसे गाजीपुर की पवन सुत कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बनाया है। मारकुंडी रेंज में जिस जल प्रपात पर ग्लास स्काई वाक ब्रिज बना है, उसे पहले शबरी जल प्रपात कहा जाता था।

प्रभु श्रीराम की तपोभूमि के साथ राजापुर में गोस्वामी तुलसीदास का जन्म स्थान होने से पिछले साल प्रदेश सरकार ने इसका नाम बदलकर तुलसी जल प्रपात कर दिया था।

धनुष और बाण के आकार का है यह ब्रिज

रेंजर नदीम मोहम्मद ने बताया कि धनुष और बाण के आकार में बने ब्रिज में खाई की ओर बाण की लंबाई 25 मीटर है, जबकि दोनों पिलर के बीच धनुष की चौड़ाई 35 मीटर है। पुल की भार क्षमता प्रति वर्ग मीटर में 500 किलोग्राम होगी।

तुलसी जल प्रपात में पानी की तीन धाराएं चट्टानों से गिरती हैं। ये लगभग 40 फीट की ऊंचाई पर एक वाइड वाटर बेड यानी जल शैया में गिरकर जंगल में लुप्त हो जाती हैं। जैसे ही लोग स्काई वाक पुल पर चलेंगे तो चट्टानों पर पानी गिरने और नीचे जंगल का नजारा भी दिखेगा।

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