खाने में मिल रही कच्ची रोटी और पानी जैसी दाल, नाराज बच्चों ने खुद को किया हॉस्टल में किया कैद
मानिकपुर के जवाहर नवोदय विद्यालय में 250 छात्रों ने भोजन की खराब गुणवत्ता के खिलाफ प्रदर्शन किया। छात्रों ने छात्रावास में खुद को बंद कर लिया और डीएम को बुलाने की मांग की। छात्रों ने खाने में कच्ची रोटी और अन्य समस्याओं की शिकायत की। प्रशासन ने स्टोर इंचार्ज को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की है।

संवाद सहयोगी, मानिकपुर । जवाहर नवोदय विद्यालय मानिकपुर में गुरुवार की सुबह अचानक अफरातफरी मच गई, जब करीब 250 छात्रों ने खराब भोजन की व्यवस्था के विरोध में हंगामा शुरू कर दिया। छात्रों ने सामूहिक रूप से खुद को हास्टल के कमरों में बंद लिया और बाहर आने से इन्कार कर दिया। इस दौरान बच्चों ने हाथों में 'वी वांट डीएम' की तख्ती लेकर नारे लगाए और वीडिया प्रचलित कर प्रशासन से सीधे संवाद की मांग की।
छात्रों कहना था कि विद्यालय में लंबे समय से भोजन की गुणवत्ता बेहद खराब है, जिसके चलते वे परेशान हैं। सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया। जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए विद्यालय के कर्मचारियों को कलेक्ट्रेट में तलब किया और जमकर फटकार लगाई।
साथ ही खानपान सहायक और स्टोर इंचार्ज को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया। अधिकारियों का कहना है कि छात्रों की शिकायत की जांच की जा रही है। भोजन व्यवस्था में सुधार के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। फिलहाल विद्यालय में स्थिति सामान्य बताई जा रही है।
मिल रही कच्ची रोटी
छात्रों का आरोप है कि मेस में आए दिन कच्ची रोटी, पानी जैसी दाल, खाने में बाल और लकड़ी जैसी चीजें मिलती हैं। लगातार शिकायत के बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ। जब पानी सिर से ऊपर चला गया, तो उन्होंने कक्षा छोड़कर आंदोलन का रास्ता अपनाया। सुबह करीब नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक छात्रों ने मेस बहिष्कार करते हुए खुद को हास्टल में बंद कर लिया।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अपर जिलाधिकारी उमेशचंद्र निगम, एसडीएम पूजा गुप्ता और थाना प्रभारी श्रीप्रकाश यादव मौके पर पहुंचे और छात्रों को समझाने की कोशिश की। मगर छात्र सिर्फ डीएम से मिलने की शर्त पर ही बाहर आने को तैयार थे। प्रभारी प्रधानाचार्य सपना सिंह ने बताया कि रोटी बनाने की आटोमेटिक मशीन 15 दिन से खराब है। मशीन पंजाब से सप्लाई हुई थी।
मरम्मत के लिए इंजीनियर ने 17,000 रुपये एडवांस लेकर भी काम पूरा नहीं किया। फिलहाल मेस कर्मचारी हर शिफ्ट में करीब ढाई हजार रोटी हाथ से बना रहे हैं। उन्होंने माना कि एक-दो रोटी में कच्चापन हो सकता है, लेकिन यह व्यवस्था जनरल क्वालिटी में खराब नहीं है। मेस का खाना स्टाफ भी खाता है, ऐसा उन्होंने दावा किया।
विद्यालय में बच्चों को तीन बार नाश्ता सुबह 7:30, पूर्वाह्न 11 बजे और शाम 5:30 बजे और दो बार भोजन दोपहर 1:30 और रात्रि 7:30 बजे दिया जाता है, जो सरकारी मेन्यू के अनुसार होता है। विरोध के बीच अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी भी विद्यालय पहुंचे और प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बच्चों की आवाज़ सुनने वाला कोई नहीं है, शिकायतें अनसुनी कर दी जाती हैं।
विद्यालय में कुल 444 छात्र पंजीकृत हैं, जिनमें 129 छात्राएं हैं। छात्राओं ने सुबह साढ़े सात बजे नाश्ता कर लिया, लेकिन छात्र पहले से नाराज़ थे। प्रयागराज शंकरगढ़ के एक छात्र के अभिभावक ने भी खाने की शिकायत की थी, जिससे छात्रों में और गुस्सा भड़क गया। छात्रों का स्पष्ट कहना है कि जब तक डीएम खुद मौके पर नहीं आते, हम हास्टल से बाहर नहीं आएंगे। फिलहाल एडीएम ने उत्तेजित छात्रों को समझा बुझाकर शांत करा दिया।
नहीं हो सकी परीक्षा
बच्चों के आंदोलन के कारण गुरुवार को समय से परीक्षा नहीं हो सकी। आज कक्षा 11वीं के रसायन विज्ञान सहित अन्य कक्षाओं के अलग-अलग विषय के पेपर थे। एडीएम के समझाने के बाद छात्रों ने दोपहर में खाना खाया और फिर उसके बाद तीन बजे से परीक्षा हुई। जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन ने विद्यालय की प्रधानाचार्य सपना सिंह और अन्य स्टाफ को कलेक्ट्रेट में बुलाया और बच्चों की शिकायत पर अव्यवस्थाओं को लेकर जमकर डांटा।
वहीं, इस मामले को नवोदय विद्यालय के लखनऊ में बैठने वाले डीसी डीके सिन्हा ने भी संज्ञान में लेते हुए तत्काल प्रभाव से मेस के खानपान सहायक सिद्धांत कुमार सिंह और स्टोर इंचार्ज देवेश उत्तम को हटा दिया है। डीएम ने बताया कि स्टाफ को सही से काम करने की हिदायत दी गई है। प्रत्येक सप्ताह निरीक्षण कराया जाएगा। एसडीएम मानिकपुर को निगरानी के लिए कहा गया है।
अव्यवस्थाओं को लेकर स्टोर कीपर गिरफ्तार
नवोदय विद्यालय मानिकपुर में खान-पान एवं साफ-सफाई की अव्यवस्था को लेकर छात्रों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन हरकत में आया। जिलाधिकारी के निर्देश पर एडीएम (वित्त एवं राजस्व) उमेश चंद्र निगम, उपजिलाधिकारी मऊ एवं उपजिलाधिकारी (न्यायिक) मानिकपुर ने विद्यालय पहुंचकर मामले की जांच की।
छात्रों से वार्ता एवं स्थल निरीक्षण के उपरांत प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर विद्यालय के स्टोर इंचार्ज देवेश उत्तम को मौके से गिरफ्तार कर धारा 151 के अंतर्गत तत्काल चालान कर दिया गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने विस्तृत जांच के लिए एडीएम (नमामि गंगे) स्वप्निल यादव एवं एसडीएम (न्यायिक) मानिकपुर पूजा गुप्ता की दो सदस्यीय जांच टीम गठित की है। टीम को दो दिन में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन ने आश्वस्त किया है कि विद्यार्थियों की सुरक्षा और सुविधा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।