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    Lok Sabha Chunav: ऐसा हुआ तो सपा बदल सकती है बांदा-चित्रकूट का टिकट, बढ़ रही धुकधुकी

    Updated: Mon, 01 Apr 2024 11:09 AM (IST)

    Lok Sabha Election 2024 बसपा जिलाध्यक्ष शिवबाबू वर्मा कह चुके हैं कि ब्राह्मण के अलावा कुशवाहा व पाल समाज के प्रत्याशी पर विचार कर रही है। यदि इन समाज से प्रत्याशी बसपा का आता है तो सपा को ही नुकसान होगा। वैसे लोगों ने चर्चा यह भी है कि यदि सपा की गणित बिगड़ती है तो वह प्रत्याशी बदल भी सकती है।

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    Lok Sabha Chunav: ऐसा हुआ तो सपा बदल सकती है बांदा-चित्रकूट का टिकट, बढ़ रही धुकधुकी

    जागरण संवाददाता, चित्रकूट। बांदा-चित्रकूट लोकसभा सीट में बीते चार चुनाव से मुकाबला भाजपा, सपा और बसपा के बीच होता रहा है। इस बार भी महासमर सज ने लगा है लेकिन अभी सिर्फ भाजपा और सपा ने अपने मोहरे मैदान में उतारे हैं जबकि बसपा पूरी तरह से चुप्पी साधे है। यह चुप्पी सपा को रास नहीं आ रही है। अभी तक प्रदेश में बसपा ने जो भी प्रत्याशी उतरे हैं वह सपा को नुकसान पहुंचने वाले ही लगते हैं ऐसे में यहां के भी सपा प्रत्याशी की धड़कने तेज है।

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    इस सीट में कांग्रेस पांच, भाजपा चार और भाकपा, सपा व बसपा दो-दो बार जीत हासिल कर चुकी है यह सब जातीय समीकरण के आधार पर हुआ है। इस बार भाजपा ने अपने वर्तमान सांसद आरके सिंह पटेल पर ही दांव लगाया है जबकि उसके पहले सपा ने पूर्व मंत्री शिवशंकर सिंह पटेल को चुनाव मैदान में उतार चुकी थी। भाजपा के टिकट को लेकर ब्राह्मण समाज में थोड़ी नाराजगी है। जो इंटरनेट मीडिया में देखी गई है।

    कारण है कि भाजपा इस सीट में हमेशा प्रत्याशी बदलती रही है यह दूसरा मौका है जब किसी सांसद पर दोबारा भरोसा किया है। इसके पहले वर्ष 1991 में जीते प्रकाश नारायण त्रिपाठी को 1996 में भी टिकट दिया था लेकिन प्रकाश नारायण, बसपा के रामसजीवन सिंह से हार गए थे। वर्ष 2014 में सांसद रहे भैरों प्रसाद मिश्रा की सदन में सबसे अधिक उपस्थित थी और सवाल भी पूछे थे लेकिन 2019 में उनका टिकट कट गया था।

    इसलिए इस बार लोगों को उम्मीद थी फिर टिकट बदलेगा, पर पार्टी ने ऐसा किया नहीं। ब्राह्मण समाज का नाराजगी का सपा फायदा उठाना चाहती है। उसे उम्मीद है कि उनका प्रत्याशी शिवशंकर सिंह पटेल पार्टी के पारंपरिक वोटर साथ अपने समाज का वोट तो कुछ पाएगा ही, साथ भाजपा से नाराज वोट भी मिलेगा, लेकिन उसे डर बसपा है। जो उसकी इस गणित हो बिगाड़ सकती है।

    बसपा जिलाध्यक्ष शिवबाबू वर्मा कह चुके हैं कि ब्राह्मण के अलावा कुशवाहा व पाल समाज के प्रत्याशी पर विचार कर रही है। यदि इन समाज से प्रत्याशी बसपा का आता है तो सपा को ही नुकसान होगा। वैसे लोगों ने चर्चा यह भी है कि यदि सपा की गणित बिगड़ती है तो वह प्रत्याशी बदल भी सकती है।