घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा गया कानूनगो, एंटी करप्शन की कार्रवाई से तहसील में मची खलबली
चित्रकूट जिले के कर्वी तहसील में एंटी करप्शन टीम ने राजस्व निरीक्षक ओमप्रकाश सिंह पटेल को 5000 रुपये घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। रामप्रकाश नामक व्यक्ति ने जमीन की हदबंदी के लिए घूस मांगने की शिकायत की थी। सत्यापन के बाद टीम ने कार्रवाई की। इस घटना से तहसील कर्मियों में हड़कंप मच गया है। एसडीएम ने बताया कि आरोपी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

जागरण संवाददाता, चित्रकूट। सदर तहसील कर्वी में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई सामने आई है। यहां तैनात राजस्व निरीक्षक (कानूनगो) ओमप्रकाश सिंह पटेल को एंटी करप्शन टीम बांदा ने पांच हजार रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। हदबंदी के मामले में घूस मांगने की शिकायत सत्यापन के बाद सही पाई गई, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।
कालूपुर पाही निवासी रामप्रकाश अपनी जमीन गाटा संख्या-195 की हदबंदी कराने के लिए महीनों से तहसील के चक्कर काट रहे थे। पीड़ित के अनुसार, कानूनगो उससे लगातार पांच हजार रुपये की मांग कर रहा था। परेशान होकर उसने भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन) बांदा मंडल कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई।
सत्यापन के बाद निरीक्षक राकेश सिंह के नेतृत्व में एंटी करप्शन टीम गुरुवार दोपहर तहसील पहुंची और ट्रैप कार्रवाई के दौरान कानूनगो को घूस लेते पकड़ लिया। गिरफ्तारी के बाद टीम आरोपित को कोतवाली कर्वी ले गई, जहां पूछताछ के बाद मुकदमा दर्ज किया गया।
अचानक हुई इस कार्रवाई से तहसील कर्मियों में खलबली मच गई। दो महीने पहले भी इसी तहसील के एक लिपिक राहुल देव और चतुर्थश्रेणी कर्मचारी इश्तियाक को घूस लेते पकड़ा जा चुका है, जिससे तहसील में लगातार भ्रष्टाचार के मामलों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
एसडीएम कर्वी पूजा साहू ने बताया कि ओमप्रकाश सिंह को हाल ही में नांदी सर्किल में तैनात किया गया था और यह उनके खिलाफ पहली शिकायत है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही निलंबन और विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कोतवाली प्रभारी श्याम प्रताप पटेल ने बताया कि आरोपित कानूनगो को एंटी करेप्शन टीम लखनऊ ले गई है।
एक साल में छह लोगों पर हो चुकी है कार्रवाई
एंटी करप्शन टीम में एक साल के अंदर जिले से पांच कर्मचारियों को गिरफ्तार कर चुकी है। 15 जुलाई को थाना रैपुरा में तैनात एसआई शिवसागर दुबे को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया था। शिकायतकर्ता शत्रुघ्न सिंह ने आरोप लगाया था कि उसे चोरी के झूठे मामले में जेल भेजने से बचाने के एवज में रिश्वत मांगी गई थी।
एंटी करप्शन टीम की लगातार कार्रवाई से सरकारी दफ्तरों में खलबली मची हुई है, जबकि 23 सितंबर को पुरवा तरौंहां निवासी रमाकांत द्विवेदी पुत्र राजकिशोर ने शिकायत पर तहसील कर्वी के मालबाबू राहुल देव और चतुर्थश्रेणी कर्मचारी इश्तियाक को एंटी करप्शन टीम ने पकड़ा है। हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने के एवज में छह हजार रुपये की मांग की थी।
14 अक्टूबर को बिजली विभाग में भी एंटी करप्शन टीम ने कार्रवाई थी। रानीपुर भट्ट निवासी बसंतलाल पुत्र मुन्नालाल की शिकायत थी कि सात किलोवाट का औद्योगिक विद्युत कनेक्शन है, जिसे 10 किलोवाट कराने के एवज में लिपिक प्रशांत कुमार और कंप्यूटर आपरेटर राजाबाबू त्रिपाठी ने 6000 रुपये रिश्वत की मांग की थी। टीम ने दोनों को विद्युत विभाग कार्यालय से रंगे हाथ पकड़ा था।

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