गैंग्स्टर एक्ट में दोषी को 10 साल की कठोर सजा, कोर्ट ने लगाया इतना जुर्माना
अपर सत्र न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने गैंग्स्टर एक्ट के तहत गैंग लीडर रामनरेश उर्फ नरेश को दोषी ठहराते हुए 10 साल की सश्रम कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। यह कार्रवाई आपरेशन कन्विक्शन के तहत लंबित मामलों में अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने की गहन पैरवी का नतीजा है।

जागरण संवाददाता, चित्रकूट। अपर सत्र न्यायाधीश/एफटीसी रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने शुक्रवार को गैंग्स्टर एक्ट के अंतर्गत दर्ज मामले में गैंग लीडर रामनरेश उर्फ नरेश को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष का कठोर कारावास और 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। यह कार्रवाई आपरेशन कन्विक्शन के तहत लंबित मामलों में अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए की जा रही गहन पैरवी का परिणाम है।
वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी संगीता सिंह ने बताया कि प्रभावी बहस एवं दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर आरोपित को दोष सिद्ध कराया गया। 18 अप्रैल 2014 को थाना पहाड़ी में तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक शिवबदन सिंह द्वारा गैंग लीडर रामनरेश उर्फ नरेश पुत्र सूरजपाल निवासी ठाकुरदीन का पुरवा मजरा कोतवाली कर्वी के विरुद्ध गैंग्स्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था।
विवेचना तत्कालीन निरीक्षक शशींद्र प्रसाद शुक्ला द्वारा की गई और 27 अक्टूबर 2014 को आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। लगभग 11 वर्षों तक न्यायिक प्रक्रिया चलने के बाद अब आरोपित को कठोर दंड दिया गया है। एसपी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि यह फैसला अपराधियों के खिलाफ पुलिस प्रशासन की सख्त कार्रवाई का संकेत है। गैंग लीडर को मिली सजा से यह स्पष्ट संदेश गया है कि पुलिस संगठित अपराध और गैंग्स्टर गतिविधियों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी।
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