Chitrakoot News: पंच ‘ज’ का संवर्धन करने पर होगा संपूर्ण सृष्टि का विकास, इसके लिए एकात्म दृष्टिकोण आवश्यक
सुजलाम-जल संस्कृति सेमिनार में दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव अतुल जैन ने कहा कि भारतीय विचार में पंच ज यानी पंच महाभूत जिसमें जल जंगल जमीन जन और जानवर ये सभी भगवान की दी गई अमूल्य भेंट हैं।

चित्रकूट, जागरण संवाददाता। ग्रामोदय मेले में जल, जंगल, जमीन, जन व जानवर के संरक्षण व संवर्धन पर चर्चा हुई तो मंदाकिनी नदी के किनारे भू-क्षरण रोकने के लिए होने वाले निर्माण कार्य का भूमि पूजन भी पंचवटी घाट में किया गया।
सुजलाम-जल संस्कृति सेमिनार में दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव अतुल जैन ने कहा कि भारतीय विचार में पंच 'ज' यानी पंच महाभूत जिसमें जल, जंगल, जमीन, जन और जानवर ये सभी भगवान की दी गई अमूल्य भेंट हैं। इनका संवर्धन करने पर संपूर्ण सृष्टि का विकास होगा और इसके लिए एकात्म दृष्टिकोण की आवश्यकता है।
दीनदयाल शोध संस्थान पंच 'ज' के प्रमुख घटक जल पर प्रमुखता से काम कर रहा है, सुजलाम-जल संस्कृति सेमिनार उसी का एक हिस्सा है। सतना सांसद गणेश सिंह ने कहा कि 90 के दशक में जब नाना जी चित्रकूट आए तो उन्होंने ग्राम विकास का ऐसा माडल खड़ा किया जिसने लोगों के लिए स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त किया। जो माडल नाना जी ने खड़ा किया यह पूरे देश के गांव के लिए है।
बांदा चित्रकूट सांसद आरके सिंह पटेल ने कहा कि नानाजी ने जो सपना देखा था वह अब व्यापक रूप ले चुका है। नानाजी भले ही शरीर से आज हमारे बीच न हों पर ये ग्रामोदय मेला इस बात का सदैव एहसास कराता हैं कि नानाजी आज भी हमारे पास है।
पहले दिन यह रहे मौजूद
दीनदयाल शोध संस्थान के महाप्रबंधक अमिताभ वशिष्ठ, प्रधान सचिव अतुल जैन, संगठन सचिव अभय महाजन, उपाध्यक्ष निखिल मुंडले व उत्तम बनर्जी, उत्तराखंड सरकार के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, सहकारिता, उच्च शिक्षा एवं स्कूली शिक्षा मंत्री डा धन सिह रावत, मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष इमरती देवी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक अनिल कोठारी, जन अभियान परिषद मध्य प्रदेश के उपाध्यक्ष जितेंद्र जामदार, महात्मा गांधी राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान मध्य प्रदेश के निदेशक संजय सराफ रहे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।