Chitrakoot News: डकैत जुग्गी पटेल को मारपीट व धमकी देने पर पांच साल की सजा, 11 साल पुराने मामले में आया फैसला
चित्रकूट की एक अदालत ने 11 साल पुराने मारपीट गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने के मामले में डकैत जुग्गी पटेल को पांच साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। 2014 में दर्ज मामले में जुग्गी पटेल पर बबुली कोल गैंग के साथ मिलकर एक व्यक्ति और उसके भाई को पीटने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप था।

जागरण संवाददाता, चित्रकूट। विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी कोर्ट राममणि पाठक की अदालत ने बहुचर्चित डकैत जुग्गी पटेल को मारपीट, गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने के मामले में दोषी करार देते हुए पांच वर्ष के सश्रम कारावास और 7500 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सनद मिश्रा ने बताया कि आरोपी जुग्गी पटेल पुत्र धुन्नी पटेल निवासी बरमपुर, थाना कर्वी के खिलाफ मारकुंडी थाना क्षेत्र में वर्ष 2014 में केस दर्ज किया गया था।
16 अप्रैल 2014 को वादी कामता सिंह निवासी जारोमाफी ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि डकैत बबुली कोल गैंग के कुछ अज्ञात बदमाश असलहों से लैस होकर आए और वादी के भाई गेंदा लाल व चौकीदार नन्हे को लाठी-डंडों से पीटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया।
साथ ही गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी गई। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की और जुग्गी पटेल की पहचान होने के बाद उसे गिरफ्तार कर 21 जून 2025 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। कोर्ट ने गवाहों व साक्ष्यों के आधार पर उसे दोषी मानते हुए सजा सुनाई। डकैत जुग्गी पटेल इन दिनों जिला जेल में बंद है।
चार माह में सुनाई सजा, लूट के दोषी को चार साल कारावास
अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय नीरज कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने लूट के मामले में तेजी से सुनवाई करते हुए मात्र चार माह में फैसला सुनाया। दोषी राहुल रैकवार को चार वर्ष का सश्रम कारावास और 11 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जुर्माना न अदा करने की स्थिति में अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता गोपाल दास ने बताया कि 24 अप्रैल 2025 को दशरथी देवी निवासी लक्ष्मणपुरी ने कोतवाली कर्वी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि स्वराज कालोनी बस स्टैंड के पास एक अज्ञात युवक ने धक्का देकर गले से सोने का मंगलसूत्र लूट लिया और फरार हो गया।
पुलिस जांच में 27 अप्रैल को राहुल रैकवार निवासी अकबरपुर, थाना भरतकूप का नाम सामने आया। उसकी गिरफ्तारी के बाद 18 जून को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया।
मामले की सुनवाई में पर्याप्त साक्ष्य और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने आरोपित को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। यह मामला त्वरित न्याय प्रक्रिया का उदाहरण बन गया है।
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