चित्रकूट की गौरव गाथा का दिव्यांग कलाकार करेंगे प्रदर्शन
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय में राज्य ललित कला अकादमी
जागरण संवाददाता, चित्रकूट : जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय में राज्य ललित कला अकादमी की ओर से लगी तीन दिवसीय कला प्रदर्शनी का समापन करते हुए जिलाधिकारी विशाख जी ने कहा कि अपने आप में अछ्वुत इस विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं में काफी टैलेंट है। जिला प्रशासन इनकी कुशलता का उपयोग करके चित्रकूटधाम रेलवे स्टेशन में चित्रकूट की गौरव गाथा को प्रदर्शित करने वाले स्थलों के सुंदर चित्रों का चित्रांकन करायेगा। जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को धर्मनगरी के रमणीक स्थलों के साथ-साथ यहां के टैलेंट के भी दर्शन होंगे।
इस प्रदर्शनी में विवि के दिव्यांग छात्र-छात्राओं के साथ राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार सुधीर रंजन, छितिन्द्र नाथ मजूमदार, असित कुमार हाल्दार, वीरेश्वर सेन, राम¨ककर बेज, आरएस बिष्ट, विश्वनाथ मुखर्जी, जेएम आदिवासी, ज्योतिन्द्र भट्टाचार्य, एचएन मिश्र, आरएस क्षीर, यशोधर मठपाल, एसजी श्रीखंडे, आरपी निगम, जितेन हजारिका, मृदुला सिन्हा, कर्णमान ¨सह, सतीश द्विवेदी आदि ने अपनी करीब 35 कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाई थी। जिनको देखने के लिए दूर-दूर से लोग आए थे। छितिन्द्र नाथ मजूमदार की पें¨टग सबके लिए कौतूहल का विषय बनी रही। पश्चिम बंगाल के इस कलाकार की 'हरिदास अंतिम अवस्था' कलाकृति में वैष्णव सम्प्रदाय की छाप स्पष्ट देखी गई। पद्म श्री सम्मान से सम्मानित आरएस विष्ट का 'ओल्ड वुमन' नाम का चित्र भी वाश पद्धति से ही बनाया गया है। इस चित्र में एक बूढ़ी औरत को दर्शाया गया था। राम जायसवाल ने भी वाश पद्धति से दो चिड़ियों को दर्शाने वाला चित्र प्रदर्शित किया। चावल से बने पेपर पर चाइनीस वॉटर कलर से बनाया गया सुनील कुमार विश्वकर्मा का 'एक्स्प्लोरर ऑफ ब्यूटी' नामक चित्र विशेष रूप से दर्शनीय रहा। इस चित्र में एक अंगूर के गुच्छे को पत्तियों सहित एक ही स्ट्रोक में बनाया गया है।
समापन के मौके पर विवि के कुलपति प्रो. योगेश चंद्र दुबे, ललित कला संकाय के प्राध्यापक डा. देवेंद्र त्रिपाठी, आरपी मिश्रा, डा. गोपाल मिश्रा, डा. मनोज पांडेय व पंकज अग्रवाल आदि मौजूद रहे।