सुख के सब साथी दु:ख में न कोई मेरे राम.
चित्रकूट, जागरण संवाददाता : तीन दिवसीय शरदोत्सव का समापन पर मुम्बई के प्रसिद्ध पाश्र्र्वगायक सुदेश ...और पढ़ें

चित्रकूट, जागरण संवाददाता : तीन दिवसीय शरदोत्सव का समापन पर मुम्बई के प्रसिद्ध पाश्र्र्वगायक सुदेश भोसले ने अपने गीतों की प्रस्तुति से दर्शकों को भाव विभोर दिया। उन्होंने अपने अंदाज में गायन का ऐसा जादू चलाया कि लोग गुलाबी ठंड और भींगी-भीगी ओस के बीच में देर रात्रि तक आनंद में डूबे रहे।
राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख के जन्मशताब्दी पर आयोजित शरदोत्सव की समापन संध्या का शुभारम्भ मध्य प्रदेश शासन की महिला एवं बाल विकास मंत्री ललिता यादव व पीठ पुरानी लंका के अनन्त श्री विभूषित जगद्गुरू रोहिणीस्वर प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने किया। मंत्री ललिता यादव ने कहा कि श्रेष्ठ पुरुषों के कृतित्व और व्यक्तित्व से आने वाली पीढ़ी मार्गदर्शन लेकर सही मार्ग पर चलती है। नानाजी के कृतित्व ने भगवान राम की तपोस्थली एवं वन प्रातर अंचलों में चैतन्यता जगाने का काम किया है। उनकी ऊर्जा और प्रेरणा से उनके बताये मार्ग पर क्षेत्र का उत्थान किया जा सकता है। जगद्गुरू रोहिणीस्वर प्रपन्नाचार्य ने कहा कि चित्रकूट की जागृति, प्रभुता और सम्पन्नता यह सब नानाजी के आने से हुई है। नानाजी सम्पूर्ण राष्ट्र में एक जन जागृति लाते हैं।
मेरे महबूब कयामत होगी आज रूसवा....
पाश्र्र्व गायक सुदेश भोसले ने सर्वप्रथम नानाजी देशमुख को श्रद्धाजलि अर्पित कर नानाजी के मागरें को देश-दुनिया के लिए अद्वितीय बताया। उन्होंने अपने गायन का शुभारंभ मोहम्मद रफी के भजन 'सुख के सब साथी दु:ख में न कोई मेरे राम.' से किया। इसके बाद किशोर दा के गीत 'मेरे महबूब कयामत होगी आज रूसवा कर तेरी गलियों में मोहब्बत होगी' को सुनाया तो लोग झूम उठे। इस दौरान ऐसे ही गीत गाए जिनको सुनकर सबको यही लगा कि इन्हें अमिताभ बच्चन ने ही गाया है। ऐसे ही कई अन्य गानों में बालीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन को अपनी आवाज देने वाले सुदेश भोसले ने गायन प्रारम्भ किया तो दो घटे से इंतजार कर रहे श्रोताओं ने अपनी खुशी तालियों की गड़गड़ाहट और भारत माता की जयकार से प्रकट की। गायन की यह विधा चित्रकूट वासियों व वहां मौजूद दर्शकों के लिये एक अच्छा अनुभव था। 'ओ लाल दुपट्टे वाले तेरा नाम तो बता', 'शावा-शावा..़' गीत जब एक के बाद एक गाये गये तो पब्लिक थम सी गई और सभी लोगों की नजर मंच पर तथा कान साउण्ड की तरफ हो गये। लगातार दो घटे तक लोगों की फरमाईस पर गाते हुए उन्होंने लोगों को खूब रिझाया। मुम्बई से आये उनके साथी कलाकार भूमिका एवं जुगुल किशोर तथा प्रदीप पल्लवी द्वारा झूम-झूम-झूम बाबा पर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
इस मौके पर दीनदयाल शोध संस्थान के सचिव डा. अशोक पाण्डेय, रामकृष्ण दास वेदान्ती, स्वामी बद्री प्रपन्नाचार्य महाराज, महंत बलरामदास जी महाराज, डा. बीके जैन, ऊषा जैन, रमेश सिंह आदि मौजूद रहें।

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