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    UP में ओवरलोड और फर्जी डॉक्यूमेंट वाले ट्रक इस तरह विभाग को दे रहे हैं चकमा, जुगाड़ देख अधिकारी भी परेशान

    नौबतपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर खनन विभाग ने ओवरलोड और फर्जी दस्तावेजों वाले वाहनों पर नकेल कसने के लिए स्कैनर लगाए हैं। बिहार से आने वाले वाहनों को आईएसटीपी की जरूरत होती है लेकिन व्यापारी नंबर प्लेट से छेड़छाड़ कर स्कैनर से बच रहे हैं जिससे सरकार को लाखों का नुकसान हो रहा है। खनन विभाग समय-समय पर कार्रवाई करता है पर वाहन मालिक बच निकलते हैं।

    By Ashwani Chaurasia Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Thu, 03 Jul 2025 07:37 PM (IST)
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    चंदौली: चालान से बचने के लिए वाहनके नंबर प्लेट पोती गई मिट्टी। जागरण।

    संवाद सूत्र, सैयदराजा (चंदौली)। ओवरलोड, फर्जी दस्तावेज वाले गाड़ियों पर नकेल कसने के लिए नौबतपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर खनन विभाग द्वारा स्कैनर के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जिससे यदि कोई वाहन बिना कागजात लिए किसी दूसरे राज्य से यूपी में प्रवेश करता है तो स्वत: उसका चालान कट जाएगा।

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    साथ ही इसकी सूचना जिला खनन विभाग के साथ निदेशालय तक पहुंच जाएगी, लेकिन बालू कारोबारी इससे बचने का उपाय भी निकाल लिए है और रोजाना सरकार को लाखों का राजस्व चपत लगा रहे हैं।

    दरअसल बिहार समेत दूसरे राज्यों से खनिज उत्पाद यूपी लाने के लिए इंटर स्टेट ट्रांजिट पास (आईएसटीपी) की जरूरत होती है।

    पास जारी करने के लिए चालकों को 150 रुपये घन मीटर के हिसाब से आनलाइन भुगतान कराना पड़ता है। यह पास केवल अंडर लोड वाहनों को ही जारी होते हैं। यदि जिन वाहनों का पास जारी नहीं होता तो स्केनर स्वतः इनका चालान काट कार खनन विभाग को सूचित कर देता है।

    सूत्र बताते हैं कि बालू व्यवसायी इससे बचने के लिए वाहनों के नंबर प्लेट ही हटा देते हैं या प्लेट पर कालिख या मिट्टी पोत देते हैं या फिर नंबर प्लेट के आगे सजावटी चुंदरी बांध देते हैं जिससे नंबर स्कैन न हो सके और चालान कटने से बचा जा सके।

    लाख प्रतिबंध के बाद भी वाहन स्वामी बालू लदे वाहन बिना आईएसटीपी के यूपी में धड़ल्ले से प्रवेश कर रहे हैं। जिससे सरकार को रोजाना लाखों की राजस्व की क्षति हो रही है।

    समय-समय पर खनन विभाग की तरफ से कार्रवाई भी की जाती है, लेकिन अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक कर वाहन स्वामी चुपके से यूपी में प्रवेश कर जाते हैं।