आकाशीय बिजली से अलर्ट करेगा ये मोबाइल एप, 40 km दायरे की मिलेगी सटीक जानकारी; यहां पढ़ें पूरी डिटेल
बरसात के मौसम में बारिश के साथ आसमान में गरज होना आम है लेकिन कई बार वज्रपात जानलेवा साबित हो जाता है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में वज्रपात की घटनाएं अधिक होती हैं। इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से उपभोक्ताओं के स्मार्ट फोन में एक ऐसे एप के डाउनलोड करने की अपील की जा रही है जो इस स्थिति के बारे में उन्हें पहले से अलर्ट कर सके...
जागरण संवाददाता, चंदौली। पिछले दिनों वज्रपात से हुई छह मौतों के बाद आपदा प्रबंधन विभाग की निद्रा भंग हुई है। बारिश के दिनों में आए दिन हो रही वज्रपात की घटना को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने स्मार्ट फोन चलाने वाले उपभोक्ताओं से दामिनी व सचेत एप डाउनलोड करने की अपील की है।
साथ ही इस एप को लेकर प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। इससे वज्रपात होने की स्थिति की जानकारी तो मिलेगी ही, जान-माल की सुरक्षा भी होगी।
ग्रामीण इलाकों में वज्रपात की अधिक घटनाएं
दरअसल बरसात के मौसम में बारिश के साथ आसमान में गरज होना आम है, लेकिन कई बार वज्रपात जानलेवा साबित हो जाता है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में वज्रपात की घटनाएं अधिक होती हैं। इससे लोग असमय काल के गाल में तो समा ही जाते हैं, आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है।
इसके मद्देनजर आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से उपभोक्ताओं के स्मार्ट फोन में दामिनी व सचेत एप डाउनलोड करने की अपील की जा रही है, ताकि आमजन को वज्रपात से हाेने वाले नुकसान से बचाया जा सके।
कैसे डाउनलोड करेंगे एप?
दामिनी एप को मोबाइल में डाउनलोड करना बहुत ही आसान है। एंड्रायड मोबाइल प्रयोग करने वाले इसे गूगल प्ले स्टोर से और आइफोन उपभोक्ता इसे एप्पल स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपना नाम लोकेशन वगैरह दर्ज करना होगा। यह जानकारी देने के साथ ही दामिनी एप करना आरंभ कर देगा।
40 किमी के दायरे में वज्रपात गिरने की मिलेगी जानकारी
इस एप के जरिए खासतौर पर बारिश के दिनों में होने वाले वज्रपात की सटीक और सही जानकारी मिलती है। नेटवर्क के आधार पर दामिनी एप को विकसित किया गया है, जो 40 किलोमीटर के दायरे में वज्रपात गिरने के संभावित स्थान की जानकारी देता है। वज्रपात गिरने की गड़गड़ाहट के साथ ही वज्रपात की स्पीड को भी यह दामिनी एप बताता है।
वज्रपात के समय क्या करें, क्या न करें?
खेत, खलिहान में काम कर रहे हैं तो दोनों पैरों को जोड़कर और सिर को झुकाकर अपने शरीर को बहुत छोटी जगह में सिकोड़ लें, ताकि वज्रपात गिरने की स्थिति में आप कम प्रभावित हों। वज्रपात होने की स्थिति में खिड़कियां दरवाजे बंद रखें। सफर के दौरान अपने वाहन में ही बनें रहें। वहीं बिजली के उपकरणों को बिजली के संपर्क से हटा दें। समूह में न खड़े हों। पैदल जा रहे हों तो धातु की डंडी वाले छातों का उपयोग न करें।
जिलाधिकारी निखिल टी फुंडे के अनुसार, वज्रपात की घटनाओं को रोकने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही मोबाइल में दामिनी एप डाउनलोड करने की अपील की जा रही है, ताकि आमजन के जान-माल की सुरक्षा हो सके।
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