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    आंकड़े दावों की खोल रहे पोल दो माह में महज 7597 टन खरीद

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 11 Dec 2020 09:37 PM (IST)

    जागरण संवाददाता चंदौली कृषि प्रधान जनपद में धान खरीद की प्रक्रिया बेपटरी है। जिला खाद्य व विप

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    आंकड़े दावों की खोल रहे पोल दो माह में महज 7597 टन खरीद

    जागरण संवाददाता, चंदौली : कृषि प्रधान जनपद में धान खरीद की प्रक्रिया बेपटरी है। जिला खाद्य व विपणन विभाग क्रय केंद्रों पर बोरा, तौल मशीन, नमी मापक यंत्र समेत संसाधनों की उपलब्धता का दावा कर रहा, लेकिन खरीद के आंकड़े और धान बेचने में आ रही बाधाएं विभाग के दावों की पोल खोल रही हैं। जिले में पंजीकरण कराने वाले 17,900 किसानों में मात्र 1335 किसानों की उपज अभी तक खरीदी गई है। अन्नदाताओं का अनाज खलिहान में पड़ा है। मौसम में बदलाव से किसान चितित हैं।

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    जिले में 1.95 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित है। शासन के निर्देश पर 15 अक्टूबर से ही क्रय केंद्र खोल दिए गए। वर्तमान में जिले में विभिन्न एजेंसियों के 105 क्रय केंद्र खोले गए हैं। नगरों के साथ ही ग्रामीण इलाकों में भी क्रय केंद्र बनाए गए हैं, लेकिन खरीद की रफ्तार काफी धीमी है। इसके पीछे संसाधनों का टोटा सबसे अहम कारण माना जा रहा है। क्रय केंद्रों पर बोरा, वेट मशीन, नमी मापक यंत्र मौजूद नहीं है। ऐसे में नमी अधिक बताकर, तो किसी अन्य कारण से किसानों को वापस लौटाया जा रहा है। हालांकि जिला खाद्य व विपणन विभाग धान खरीद की व्यवस्था मुकम्मल होने का दावा कर रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे परे है।

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    एक तौल मशीन से 300 क्विंटल

    खरीद का मानक

    क्रय केंद्रों पर रोजाना न्यूनतम 300 क्विंटल खरीद का शासन का निर्देश है। प्रत्येक वेट मशीन से इतनी खरीद होनी चाहिए। मुख्यालय के नवीन कृषि मंडी में बनाए गए क्रय केंद्रों पर तीन-तीन वेट मशीन हैं। यहां रोजाना 900 क्विंटल खरीद होनी चाहिए। मसोई समेत विपणन शाखा के क्रय केंद्रों पर दो-दो वेट मशीन लगी हैं। यहां 600 क्विंटल खरीद होनी चाहिए। क्रय केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में बोरा और अनाज रखने के लिए स्थान ही नहीं है। ऐसे में शासन के मानक के अनुरूप खरीद नहीं हो पा रही है।

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    विपणन विभाग कोटेदारों

    से खरीदेगा बोरा

    जिला खाद्य व विपणन विभाग अधिकारी अनूप कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में फिलहाल पांच लाख बोरों की उपलब्धता है। क्रय एजेंसियों को केंद्रों पर बोरा पहुंचाने की जिम्मेदारी है। जरूरत पड़ने पर विभाग कोटेदारों से राशन का पुराना बोरा खरीदेगा। इसको लेकर कोटेदारों से वार्ता चल रही है। जल्द ही बोरा को लेकर सहमति बनने की उम्मीद है।

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    केंद्रों पर नंबर व टोकन के

    नियम का पालन नहीं

    किसानों का आरोप है कि क्रय केंद्रों पर नंबर और टोकन के मानक की अनदेखी की जा रही है। किसान अम्बरिश पांडेय, सुजीत सिंह का कहना रहा कि खरीद में धांधली हो रही है। केंद्र प्रभारी खास लोगों का धान खरीद रहे हैं जबकि नंबर लगाने व टोकन लेने वाले किसानों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यदि पारदर्शितापूर्ण ढंग से धान खरीद नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा।

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    धान खरीद से पीछे हटीं क्रय एजेंसियां

    धान खरीद में हीलाहवाली को लेकर कार्रवाई के भय से क्रय एजेंसियों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। ऐसे में एनसीसीएफ, यूपीसीयू समेत कई एजेंसियां धान खरीद से पीछे हट गई हैं। इसके चलते 32 क्रय केंद्रों पर ताला लटक गया है। इसके स्थान पर जिला प्रशासन ने 17 नए केंद्रों को खोलने की मंजूरी दी है।

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    वर्जन

    विपणन विभाग के अधिकारियों व एसडीएम संग बैठक कर धान खरीद के प्रगति की नियमित समीक्षा की जाती है। जिन क्रय केंद्रों पर कमी होती है, उसे दूर कराया जाता है। अब केंद्रवार प्रगति की समीक्षा होगी। इससे किसानों को धान बेचने में किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी।

    नवनीत सिंह चहल, जिलाधिकारी