जमीन का ऑनलाइन दाखिल खारिज, पेपर लेस होगा दफ्तर
जागरण संवाददाता चंदौली सरकारी दफ्तरों में भी अब कारपोरेट कल्चर लागू होगा।
जागरण संवाददाता, चंदौली : सरकारी दफ्तरों में भी अब कारपोरेट कल्चर लागू होगा। शासन ने दफ्तरों को पेपर लेस करने की कवायद शुरू कर दी है। खासतौर से जमीन की रजिस्ट्री में इसे लागू किया गया है। जमीन के बैनामा का दाखिल खारिज आनलाइन होगा। रजिस्ट्री अभिलेखों को स्कैन कर तहसील को भेजा जा रहा है। इससे लोगों को दाखिल खारिज के बारे में आनलाइन जानकारी मिल जाएगी। खतौनी की नकल लेने के लिए भी तहसील व रजिस्ट्रार दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
तकनीकी युग में सरकारी कार्यालयों को पेपर लेस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सहायक निबंधक रजिस्ट्रार दफ्तर से इसकी शुरूआत हुई है। दरअसल जमीन की रजिस्ट्री में कई पेज कागज लगता है। स्टांप के साथ ही प्रार्थना पत्र मिलाकर कई पन्ने का दस्तावेज तैयार होता है। इससे कागज की खपत बढ़ जाती है। शासन ने रजिस्ट्री को पेपर लेस करने की योजना बनाई है। कई पन्ने का स्टांप लगाने से निजात के लिए ई-स्टांप की प्रक्रिया पहले से ही लागू है। अब आनलाइन दाखिल खारिज भी होगा। सहायक निबंधक रजिस्ट्रार दफ्तर से रजिस्ट्री के अभिलेखों को आनलाइन अपलोड कर तहसीलों को भेजा जा रहा है। इससे सरकारी कामकाज में कागज का उपयोग कम होगा। लोगों को जमीन की दाखिल खारिज के बारे में भूलेख वेबसाइट पर आनलाइन जानकारी मिल जाएगी। अभिलेख, खतौनी की पक्की नकल लेने के लिए तहसील व रजिस्ट्रार दफ्तर नहीं जाना होगा। अपनी जानकारी के लिए किसी भी सीएससी (कामन सर्विस सेंटर) से खतौनी निकाल सकते हैं। स्कैन कर आनलाइन अपलोड किए जा रहे पुराने अभिलेख
शासन की गाइडलाइन के बाद सहायक निबंधक रजिस्ट्रार दफ्तर रजिस्ट्री के पुराने दस्तावेजों को भी स्कैन कर तहसीलों को भेज रहा है। इसके लिए बाकायदा अधिकारियों-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। सभी पुराने अभिलेख जल्द ही ऑनलाइन अपलोड कर दिए जाएंगे।
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आनलाइन व्यवस्था से रुकेगी धांधली
जमीन की खरीद फरोख्त में धांधली किसी से छिपी नहीं है। माना जा रहा है कि आनलाइन प्रणाली से पारदर्शिता आएगी और जमीन की खरीद-फरोख्त में धांधली करने वाले अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होंगे। मामला पकड़ में आने पर उनके खिलाफ त्वरित कार्रवाई करना भी आसान होगा।
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वर्जन :
' जमीन की दाखिल खारिज की प्रक्रिया अब आनलाइन होगी। रजिस्ट्री के अभिलेखों को आनलाइन अपलोड कर तहसीलों को भेजा जा रहा है। रजिस्ट्री के पुराने दस्तावेज भी स्कैन कर भेजे जा रहे हैं। इसके लिए कर्मचारियों को लगाया गया है। जल्द ही समस्त अभिलेख आनलाइन हो जाएंगे।
रामसुंदर यादव, सहायक निबंधक रजिस्ट्रार
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