अब जन धन खाते में नहीं आएगी छात्रवृत्ति की धनराशि
चंदौली छात्रों की छात्रवृत्ति अब उनके माता-पिता के जन धन खातों में नहीं आएगी। उन्हें छात्रवृत्ति पाने के लिए इस बचत में परिवर्तित कराना होगा। श् ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, चंदौली : छात्रों की छात्रवृत्ति अब उनके माता-पिता के जन धन खातों में नहीं आएगी। उन्हें छात्रवृत्ति पाने के लिए इस बचत में परिवर्तित कराना होगा। शासन ने छात्रवृत्ति वितरण प्रणाली को पारदर्शी और कारगर बनाने के लिए नियम में बदलाव किया है। ऐसे में बैंक प्रशासन व समाज कल्याण विभाग स्कूलों के माध्यम से अभिभावकों को सूचित कर रहा है।
सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों के अभिभावकों के जन धन खाते हैं। इसमें ही छात्रवृत्ति समेत सरकार की ओर से मिलने वाली मदद जाती है। लाभार्थी बैंकों में जाकर पैसा निकालते रहे। जनधन खातों में लेन-देन ठप होने और खाते निष्क्रिय होने की वजह से छात्रवृत्ति के भुगतान में अड़चन आ रही थी। हर साल सैकड़ों छात्र ऐसे होते हैं, जिन्हें पैसा नहीं मिल पाता। इसको लेकर उन्हें चक्कर काटना पड़ता है। शासन ने प्रणाली में बदलाव करते हुए अब सिर्फ बचत खातों में छात्रवृत्ति भेजने का निर्णय लिया है। ऐसे में अभिभावकों को अपने खाते में बदलाव कराना होगा। वरना छात्रवृत्ति के लाभ से वंचित हो जाएंगे। बैंक में जाकर करना होगा आवेदन
जनधन खाते को बचत में परिवर्तित करने के लिए खाताधारकों को बैंक शाखा में जाकर प्रार्थना पत्र देना होगा। इसके लिए बैंक की ओर से दिए गए फार्म को भरकर जमा करने पर जनधन खाता को बचत में परिवर्तित कर दिया जाएगा। इसमें न्यूनतम एक हजार रुपये रखने के मानक का पालन करना होगा। शासन का मानना है कि बचत खातों में छात्रवृत्ति का भुगतान आसानी व सुगमता के साथ किया जा सकेगा। 15 हजार को कराना होगा बचत खाता
जिले में लगभग 15 हजार जन धन खातों में छात्रवृत्ति का पैसा जाता है। यह खाते उन छात्रों के अभिभावकों के हैं जो मजदूर वर्ग से हैं। इन खातों में सरकार की ओर से मिलने वाली सहायता राशि जाती है। अब छात्रवृत्ति के लाभ को बचत खाता अनिवार्य है इसलिए इन खातों को बचत में परिवर्तित कराना होगा। 75 हजार को मिलती है छात्रवृत्ति
जनपद में लगभग 75 हजार छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति का भुगतान किया जाता है। सामान्य के साथ ही पिछड़ा, अनुसूचित जाति व अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई में मदद के लिए सरकार निर्धारित रकम हर साल खाते में भेजती है। समाज कल्याण समेत संबंधित विभाग को इसकी मानीटरिग व आवेदन आदि की प्रक्रिया पूर्ण कराने की जिम्मेदारी है। 'शासन ने गाइडलाइन में बदलाव किया है। स्कूलों के जरिए अभिभावकों को सूचित किया गया है। लोग बैंकों में आवेदन कर आसानी से खाता में बदलाव करा सकते हैं।
नागेंद्र कुमार मौर्या, समाज कल्याण अधिकारी

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