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    Nipun Bharat Mission: शिक्षकों के लिए आ गया नया फरमान, अब यूपी के स्कूलों में इस तरह होगी पढ़ाई

    Updated: Sat, 16 Aug 2025 04:06 PM (IST)

    चंदौली में निपुण भारत मिशन के तहत शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए निपुण ऐप को अपडेट किया गया है। शिक्षकों को अब हर सप्ताह मूल्यांकन जानकारी अपलोड करनी होगी जिससे छात्रों की प्रगति पर नजर रखी जा सके। जिले के 1185 विद्यालयों के 1.87 लाख छात्रों को इससे लाभ होगा। मूल्यांकन के लिए प्रश्न बैंक तैयार किया गया है और निरीक्षण के दौरान छात्रों का मूल्यांकन किया जाएगा।

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    फोटो 08 व 09 - अब हर सप्ताह नौनिहालों का मूल्यांकन करेंगे गुरुजी, देंगे जानकारी

    जागरण संवाददाता, चंदौली। नौनिहालों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए एक और पहल की गई है। परिषदीय विद्यालयों में बच्चों के अधिगम स्तर को ट्रैक करने और उसमें सुधार लाने के उद्देश्य से निपुण भारत मिशन के तहत जरूरी बदलाव किया गया है। निपुण एप को अपग्रेड कर दिया गया है।

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    प्रत्येक सप्ताह अब शिक्षकों को एप पर मूल्यांकन की जानकारी अपलोड करनी होगी और लापरवाही पर उनके विरुद्ध विभाग स्तर पर कार्रवाई की जाएगी। अभी तक अभियान चलाकर वर्ष में दो बार मूल्यांकन किया जाता रहा है। राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा अभियान की ओर से इसके जरिए बच्चों की शिक्षा पर नजर रखी जाएगी।

    जनपद में 1,185 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालय संचालित हैं। इन स्कूलों में लगभग 1.87 लाख नौनिहाल पंजीकृत हैं। इस प्रणाली के लागू होने से शिक्षकों, अभिभावकों और अधिकारियों को बच्चों की प्रगति की रीयल टाइम जानकारी उपलब्ध होगी। इससे पढ़ाई की गुणवत्ता का विश्लेषण और सुधार संभव हो सकेगा।

    कक्षा एक से आठ तक के छात्रों के लिए विषयवार प्रश्न बैंक तैयार किया गया है। इसमें बच्चों की समझ और सीखने की क्षमता जांचने के लिए रैंडम आधार पर प्रश्न पूछे जाएंगे। शिक्षक एप पर 25 सप्ताह की पूर्व निर्धारित शिक्षण योजना के अनुसार मूल्यांकन करेंगे। ब्लाक से राज्य स्तर तक के एआरपी, डायट मेंटर्स और स्टेट रिसोर्स ग्रुप के सदस्यों को 10 से 30 विद्यालयों में यह कार्य करना होगा।

    इतने प्रतिशत बच्चों का होगा मूल्यांकन

    निरीक्षण के दौरान कक्षा एक व दो के 40 प्रतिशत, कक्षा तीन से पांचवीं तक के 30 प्रतिशत, कक्षा आठवीं तक के 20 प्रतिशत बच्चों का मूल्यांकन किया जाएगा। इसके अलावा शिक्षकों को पर्यवेक्षण के बाद जरूरी फीडबैक और उपचारात्मक योजना ( रेमेडियल प्लान) देना भी अनिवार्य कर दिया गया है।

    निपुण एप से पठन-पाठन की स्थिति का आकलन और नीति-निर्धारण आसान हो सकेगा। इसलिए एप को अपग्रेड किया गया है। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। इस संबंध में दिशा-निर्देश मिले हैं। - सचिन कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।