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    अब पढ़ा-लिखा व्यक्ति ही बन सकेगा कोटेदार

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 10 Nov 2019 06:17 AM (IST)

    अब पढ़ा- लिखा व्यक्ति ही कोटेदार बन सकेगा। जी हां राशन की दुकान खोलने के लिए शासन ने नई व्यवस्था की है। इसके तहत कोटेदारों की योग्यता हाईस्कूल पास होगी। वहीं गांव के प्रधान व उनके रिश्तेदार कोटेदार नहीं बन सकेंगे। यदि कोई कोटेदार पंचायत चुनाव में प्रधान बन जाता है तो उसका कोटा निरस्त होगा। विभाग के मुताबिक गैर ग्राम पंचायत में रहने वाले को उसके मूल गांव में सस्ते गल्ले की दुकान का लाइसेंस नहीं दिया जाएगा। इसके लिए गाइडलाइन जारी हो गई है।

    अब पढ़ा-लिखा व्यक्ति ही बन सकेगा कोटेदार

    जासं, चकिया (चंदौली) : अब पढ़ा- लिखा व्यक्ति ही कोटेदार बन सकेगा। जी हां, राशन की दुकान खोलने के लिए शासन ने नई व्यवस्था की है। इसके तहत कोटेदारों की योग्यता हाईस्कूल पास होगी। वहीं गांव के प्रधान व उनके रिश्तेदार कोटेदार नहीं बन सकेंगे। यदि कोई कोटेदार पंचायत चुनाव में प्रधान बन जाता है तो उसका कोटा निरस्त होगा। विभाग के मुताबिक, गैर ग्राम पंचायत में रहने वाले को उसके मूल गांव में सस्ते गल्ले की दुकान का लाइसेंस नहीं दिया जाएगा। इसके लिए गाइडलाइन जारी हो गई है।

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    जिले में 787 सस्ते गल्ले की दुकानों से कुल 333701 कार्डधारक जुड़े हैं। इसमें पात्र गृहस्थी के 281206 और 52495 अंत्योदय कार्डधारक हैं। कार्डधारकों को फिलहाल पॉश मशीन व आई स्कैनर (आंखों का चित्रान्वीक्षक) के जरिए खाद्यान्न व केरोसिन का वितरण किया जा रहा है। खाद्यान्न वितरण प्रणाली में धांधली रोकने को सस्ते गल्ले की दुकानों से राशन वितरण को यह प्रक्रिया शुरू की गई थी। जिले में जो दुकानें खाली चल रही हैं, उनका चयन नई व्यवस्था के तहत होगा। कोटे की दुकान को लेकर जो आरक्षण है। उसमें सबसे अधिक 21 फीसद अनुसूचित जाति के लिए है। वहीं 20 फीसद महिलाओं के नाम कोटा आवंटन होगा। दुकान के चयन को लेकर आवेदक के बैंक खाते में 40 हजार रुपये होना जरूरी है। क्योंकि कोटेदार चुने जाने के बाद इसी धनराशि से खाद्यान्न की उठान करनी होगी। समर्थन के हिसाब से आवंटित की जाती दुकान

    राशन की दुकान खुली बैठक के तहत समर्थन के हिसाब से आवंटित की जाती है। यदि कोई भी दावेदार की हैसियत से समर्थकों की भीड़ जाता है तो उसे भी कोटा नहीं मिलेगा। गाइडलाइन के अनुसार दावेदारों को अपना समर्थन खुद जुटाना होगा। चरित्र प्रणाम पत्र की बाध्यता

    कोटेदार बनने के लिए छवि साफ होनी चाहिए। थाना के रिकार्ड में मुकदमा दर्ज है तो उसे कोटेदार नहीं बनाया जाएगा। वहीं कोटा मिलने के बाद मुकदमा होने पर कोटा निरस्त होगा। कोटेदारों को चरित्र प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा। वर्जन..

    कोटेदार के चयन की प्रक्रिया को सख्त कर दिया गया है। कोटेदार को हाईस्कूल पास होने के साथ-साथ ग्राम पंचायत में चार हजार यूनिट होना जरूरी है। आपराधिक इतिहास वालों को राशन की दुकान नहीं मिलेगी।

    देवेंद्र प्रताप सिंह, डीएसओ