New Chandauli DM : भू माफियाओं पर चाबुक चलाने वाली ईशा दुहन को चंदौली में बतौर जिलाधिकारी पहली बार मिली तैनाती
चंदौली जिले में बतौर जिलाधिकारी आइएएस ईशा दुहन को पहली बार तैनाती मिली है। इसके पूर्व वह वाराणसी में बतौर वीडीए उपाध्यक्ष तैनात रह चुकी हैं। वाराणसी में तैनाती के दौरान उनकी सक्रियता काफी चर्चा में रही है।

चंदौली, जागरण संवाददाता। वाराणसी विकास प्राधिकरण की अब तक उपाध्यक्ष रहीं ईशा दुहन को नई तैनाती चंदौली जिले में बतौर जिलाधिकारी दी गई है। वहीं अब तक चंदौली जिले के डीएम रहे संजीव सिंह को कोई नई तैनाती नहीं दी गई है और उनको प्रतीक्षारत रखा गया है।
बतौर जिलाधिकारी चंदौली में उनको पहली बार डीएम पद की जिम्मेदारी मिली है। 2014 बैच की आइएएस ईशा दुहन वीडीए उपाध्यक्ष के पूर्व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट वाराणसी, सीडीओ बुलंदशहर व मेरठ में सेवाएं दे चुकी हैं। कभी बिना फोर्स के अकेले हाथ में डंडा लेकर भू माफियाओं पर चाबुक चलाने वाली लेडी सिंघम के नाम से मशहूर ईशा दुहन अब चंदौली में विकास का पहिया घूमाएंगी।
उन्हें पहली बार बतौर जिलाधिकारी चंदौली में जिम्मेदारी मिली है। वह 2014 बैच की आइएएस है। इससे पहले वह विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट वाराणसी, सीडीओ बुलंदशहर व मेरठ में सेवाएं दे चुकी हैं। ईशा दुहन अपने पिता से काफी प्रभावित रहीं हैं। इनके पिता ईश्वर दुहन आइटीबीपी में डीआइजी रह चुके हैं।
मूलरूप से हरियाणा के पंचकूला की रहने वाली ईशा दुहन बीटेक बायोटेक्नोलाजी करने के बाद पहले ही प्रयास में यूपीएसएसी की परीक्षा पास कर ली। आल इंडिया में 59वीं रैंक हासिल की। विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष बनने के बाद इन्होंने भू माफियाओं पर चाबुक चलना शुरू कर दिया। वाराणसी सहित पड़ाव क्षेत्र के विभिन्न गांवों में भूमि पर अवैध रूप से निर्माण कराने वाले कालोनाइजरों पर कार्रवाई की थी। वर्ष 2017 में तो एक बार बगैर फोर्स के ही एक डंडा लेकर उन्होंने अकेले ही रोहनियां में भू माफियाओं के ठिकाने पर छापेमारी की।
ग्रामीणों के सहयोग से कुछ भू माफियाओं को पकड़ा भी था। इसके अलावा इन्होंने चौरहट, कटेसर, पथरा में भी अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर चुकी हैं। अब उन्हें जिलाधिकारी के रूप में जिम्मेदारी मिली है। पहली पोस्टिंग धान के कटोरे में होने के बाद चर्चा यह है कि अब और तेजी से विकास का पहिया घूमेगा। साथ ही भ्रष्टचार व अवैध धंधों पर रोक लगेगी। डीएम बनने के बाद तो भू माफियाओं में खलबली भी है। कारण यह है कि जिले में युद्धस्तर से अवैध कालोनी बसाने का काम चलता है।
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